कांग्रेस पार्टी ने रविवार को केंद्र सरकार से अपील की कि वह ईरान में फंसे 1500 से अधिक भारतीय छात्रों की सुरक्षित निकासी के लिए तत्काल कदम उठाए। पार्टी ने आरोप लगाया कि विदेश मंत्रालय केवल औपचारिक परामर्श जारी कर रहा है, जबकि जमीनी हालात छात्रों के लिए बेहद असुरक्षित और तनावपूर्ण बने हुए हैं। कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने X पर पोस्ट कर कहा,
"उड़ानें रद्द हैं, तेहरान का हवाई क्षेत्र बंद है और इंटरनेट सेवाएं बाधित हैं। 1500 से अधिक भारतीय छात्र अनिश्चितता में जी रहे हैं, लेकिन निकासी या किसी सुरक्षित स्थान पर ले जाने की कोई ठोस योजना सामने नहीं आई है।"
खेड़ा ने दावा किया कि छात्रों को भारतीय दूतावास की ओर से केवल एक सामान्य सलाह दी गई है, जिसमें सतर्क रहने, अनावश्यक गतिविधियों से बचने और सोशल मीडिया पर दूतावास से संपर्क बनाए रखने की बात कही गई है।
उन्होंने कहा,
"यह पहली बार नहीं है जब संकट के समय भारतीय नागरिक मदद की गुहार लगा रहे हैं। सूडान हो, यूक्रेन हो या अब ईरान मोदी सरकार ने हर बार देर से कदम उठाया और उसे प्रचार का मौका बना लिया।" खेड़ा के अनुसार, छात्रों का कहना है कि शुक्रवार रात के इजरायली हमलों के बाद वे सदमे में हैं और उन्हें भारतीय दूतावास की ओर से अब तक कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि छात्रों के परिजन भी बेहद चिंतित हैं और सरकार से ठोस कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं।
तेहरान स्थित भारतीय दूतावास ने रविवार को एक परामर्श जारी करते हुए कहा कि भारतीय नागरिक घबराएं नहीं, सावधानी बरतें और सोशल मीडिया के ज़रिए दूतावास से संपर्क में रहें। इसके साथ ही दूतावास ने एक गूगल फॉर्म भी साझा किया है, जिसमें ईरान में रह रहे भारतीयों से अपनी जानकारी साझा करने का अनुरोध किया गया है।
दूतावास ने यह भी स्पष्ट किया कि टेलीग्राम लिंक और आपातकालीन संपर्क नंबर केवल वर्तमान में ईरान में रह रहे भारतीय नागरिकों के लिए हैं।
कांग्रेस ने इजराइल द्वारा ईरान पर किए गए हालिया हवाई हमलों और निशाना बनाकर की गई हत्याओं की निंदा की है। पार्टी ने कहा कि इस तरह के हमले ईरान की संप्रभुता का उल्लंघन हैं और इससे पूरे क्षेत्र में अस्थिरता और संघर्ष का खतरा बढ़ जाएगा।
गौरतलब है कि इजराइल ने शुक्रवार को 'ऑपरेशन राइजिंग लॉयन' के तहत ईरान के परमाणु, मिसाइल और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया था। इस हमले में ईरान के वरिष्ठ सैन्य कमांडर और परमाणु वैज्ञानिकों की मौत हो गई थी। जवाबी कार्रवाई में ईरान ने इजराइल पर सैकड़ों ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं।