मध्य पूर्व एक बार फिर युद्ध की दहलीज पर खड़ा है। 13 जून को इजरायल द्वारा ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों पर किए गए जबरदस्त हवाई हमलों ने हालात को और विस्फोटक बना दिया है। जवाबी कार्रवाई में ईरान ने इजरायल के रिहायशी इलाकों पर मिसाइल और ड्रोन अटैक किए हैं। दोनों देशों के बीच यह टकराव अब खुले युद्ध की शक्ल लेता जा रहा है।
इस बीच इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान की जनता को सीधे संबोधित करते हुए मौजूदा सरकार के खिलाफ खड़े होने की अपील की है।
उन्होंने कहा, “हमारी जंग ईरानी जनता से नहीं, बल्कि उस तानाशाही सरकार से है जो पिछले 46 वर्षों से आपको कुचलती आ रही है।”
नेतन्याहू ने आगे कहा, “हमारा मकसद ईरान के परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम को खत्म करना है। जैसे ही यह मिशन पूरा होगा, ईरानी जनता की आजादी का रास्ता साफ हो जाएगा।” उन्होंने ईरानियों से ‘नई क्रांति’ के लिए एकजुट होने की अपील की।
नेतन्याहू के बयान से बौखलाए ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामेनेई ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “इजरायल ने युद्ध की शुरुआत की है और अब वह इससे पीछे नहीं हट सकता। यह हमला एक युद्ध का आगाज़ है, न कि समाप्ति।”
खामेनेई ने चेतावनी दी, “इजरायल को इस अपराध की भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। उनके लिए अब नरक के दरवाजे खुल चुके हैं। हम उन्हें इस हमले के लिए माफ नहीं करेंगे और उन्हें बर्बाद कर देंगे।”
तेहरान समेत ईरान के कई प्रमुख शहरों पर इजरायल की ओर से लगातार हवाई हमले किए जा रहे हैं। वहीं, ईरान ने भी मिसाइलों और ड्रोन के ज़रिए पलटवार तेज कर दिया है। इजरायल में हालात इतने तनावपूर्ण हैं कि पूरे देश में सायरन बज रहे हैं और लाखों नागरिक बंकरों में शरण लिए हुए हैं।
ईरानी मीडिया के अनुसार, अब तक 78 नागरिकों की मौत हो चुकी है जबकि 329 लोग घायल हुए हैं। इजरायल ने ऑपरेशन राइजिंग लॉयन के तहत यह स्पष्ट किया है कि जब तक ईरान का परमाणु खतरा पूरी तरह समाप्त नहीं होता, सैन्य कार्रवाई जारी रहेगी।