इजरायल के रक्षा मंत्री ने शनिवार को कड़ी चेतावनी जारी की कि यदि ईरान अपने मिसाइल हमले इजरायल पर जारी रखता है तो तेहरान को भारी और विनाशकारी परिणाम भुगतने होंगे। शनिवार की सुबह ईरानी हमले में कम से कम तीन नागरिकों की मौत हुई जबकि दर्जनों लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। यह हमला इजरायली सेना के चीफ ऑफ स्टाफ के साथ हुई उच्च स्तरीय आकलन बैठक के ठीक बाद आया है। रक्षा मंत्री बेनी कैट्ज ने स्पष्ट कहा कि अगर ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने इजरायली घरेलू इलाकों पर मिसाइल हमले जारी रखे तो वे तेहरान को पूरी तरह जला देने के लिए तैयार हैं।
वहीं, ईरानी राज्य टीवी ने भी रिपोर्ट किया कि खुर्रमाबाद, केरमानशाह और तबरीज शहरों में एयर डिफेंस सिस्टम सक्रिय थे, जो इजरायल के नए संभावित हमलों की शुरुआत का संकेत माना जा रहा है। तबरीज से काले धुएं के उठते हुए वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं, जिनसे इलाके में भारी तबाही के संकेत मिल रहे हैं।
अधिकारियों के मुताबिक, इजरायल ने इस बार अपने एयरफोर्स के विमानों के साथ-साथ पहले से तैनात ड्रोन का भी इस्तेमाल किया है ताकि वे महत्वपूर्ण सैन्य ठिकानों और उच्च रैंक के जनरलों तथा परमाणु वैज्ञानिकों को निशाना बना सकें।
ईरान के संयुक्त राष्ट्र में राजदूत ने बताया कि इस हमले में लगभग 78 लोगों की मौत हुई है जबकि 320 से अधिक लोग घायल हुए हैं। जवाबी कार्रवाई में ईरान ने इजरायल के यरुशलम और तेल अवीव शहरों पर ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइलों की बारिश कर दी, जिससे वहां की इमारतें हिल गईं और आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ। इजरायली सेना ने अपने नागरिकों से लंबी अवधि के लिए आश्रय स्थल पर रहने का आग्रह किया है ताकि वे मिसाइल हमलों से सुरक्षित रह सकें।
दोनों देशों ने अपने हमले जारी रखने का ऐलान किया है, जिससे मध्य पूर्व क्षेत्र में एक लंबी और घातक लड़ाई की संभावना और बढ़ गई है।
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि उनका उद्देश्य ईरान से आने वाले हर खतरे को पूरी तरह समाप्त करना है। साथ ही उन्होंने ईरान की जनता से भी अपील की है कि वे अपने नेताओं के खिलाफ आवाज उठाएं और उनके तानाशाही शासन का विरोध करें। उन्होंने कहा कि इजरायल सरकार ईरान में किसी भी तरह के तख्तापलट का स्वागत करेगी, भले ही वह इसका समर्थन खुलेआम न करे।
इन सैन्य हमलों का एक बड़ा राजनीतिक प्रभाव भी देखने को मिला है। ओमान में रविवार को होने वाली अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु समझौते की बातचीत अब अनिश्चितता के घेरे में आ गई है। ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि इजरायल के इन हमलों के बाद अमेरिका के साथ परमाणु वार्ता का कोई मतलब नहीं बचा है। इस स्थिति ने क्षेत्रीय सुरक्षा और वैश्विक कूटनीति दोनों के लिए गंभीर चुनौतियां खड़ी कर दी हैं, जिससे पूरे मध्य पूर्व क्षेत्र में तनाव और अस्थिरता फैलने की आशंका बढ़ गई है।
इस संकट की पृष्ठभूमि में विश्व समुदाय भी चिंतित है और स्थिति को शांति की ओर ले जाने के प्रयासों को तेज करने की जरूरत है, ताकि इस संघर्ष को और बड़ा युद्ध बनने से रोका जा सके।