बिहार में इस साल के अंत में संभावित विधानसभा चुनाव से पहले सियासी गतिविधियां तेज़ हो गई हैं। इन हलचलों के बीच राष्ट्रीय जनता दल (RJD) में एक बड़ा संगठनात्मक बदलाव होने जा रहा है। पार्टी को जल्द ही नया प्रदेश अध्यक्ष मिलने जा रहा है, और इस पद के लिए मंगनी लाल मंडल का नाम सबसे आगे माना जा रहा है।
पूर्व में JDU से RJD में आए मंगनी लाल मंडल ने आज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया।
नामांकन के दौरान खुद आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और राज्यसभा सांसद मीसा भारती भी मौजूद रहे, जिससे यह लगभग स्पष्ट हो गया है कि मंडल को शीर्ष नेतृत्व का पूरा समर्थन प्राप्त है।
सूत्रों के अनुसार, RJD में अध्यक्ष पद पर परंपरागत रूप से चुनाव नहीं, बल्कि आम सहमति से चयन की प्रक्रिया होती है। ऐसे में मंगनी लाल मंडल के नाम पर मुहर लगना लगभग तय माना जा रहा है। वह पार्टी के सातवें प्रदेश अध्यक्ष होंगे और इस पद पर पहुंचने वाले पहले अति पिछड़ा वर्ग (EBC) से आने वाले नेता होंगे।
19 जून को होगी औपचारिक घोषणा
मंडल ने अपना नामांकन पार्टी के राज्य निर्वाचन पदाधिकारी डॉ. तनवीर हसन के समक्ष RJD कार्यालय में दाखिल किया। अब 19 जून को पटना स्थित ज्ञान भवन में होने वाली राजद राज्य परिषद की बैठक में उनके नाम की औपचारिक घोषणा की जाएगी।
मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बाद मंगनी लाल मंडल की नियुक्ति ऐसे समय में हो रही है जब बिहार में चुनावी माहौल बन चुका है। इस बदलाव का पार्टी की रणनीति और वोट समीकरणों पर क्या प्रभाव पड़ेगा, यह आने वाले दिनों में स्पष्ट होगा।
आरजेडी का यह कदम रणनीतिक रूप से अत्यंत पिछड़ा वर्ग (EBC) को साधने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। आंकड़ों के मुताबिक, बिहार की आबादी में EBC की हिस्सेदारी लगभग 36 प्रतिशत है — जो किसी भी चुनाव में निर्णायक भूमिका निभा सकती है। मंगनी लाल मंडल इस वर्ग के बड़े और अनुभवी नेता माने जाते हैं। मंडल का राजनीतिक करियर लंबा और विविध रहा है। वे 1986 से 2004 तक बिहार विधान परिषद के सदस्य रहे, इस दौरान उन्होंने राज्य मंत्रिमंडल में मंत्री के रूप में भी जिम्मेदारी निभाई। इसके बाद 2004 से 2009 तक वे राज्यसभा सांसद रहे।
हालांकि एक समय पर वे आरजेडी छोड़कर जनता दल (यूनाइटेड) में शामिल हो गए थे, लेकिन इसी साल जनवरी में उन्होंने जेडीयू को अलविदा कहकर एक बार फिर आरजेडी में वापसी की। उनके लौटते ही पार्टी में उन्हें प्रमुख भूमिका देने की चर्चाएं शुरू हो गई थीं, जो अब प्रदेश अध्यक्ष पद की पुष्टि के साथ लगभग तय हो गई हैं।