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खामेनेई के सलाहकार इजरायल के हमले में हुए घायल, इजरायल-ईरान के बीच तनाव बढ़ा, एयरस्पेस बंद

 13 Jun 2025

इजरायल के हालिया हमले ने ईरान को गहरे संकट में डाल दिया है, जहां कई बड़े नेताओं की मौत और हवाई हमले ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति को हिला दिया है। इस हमले में ईरान के आर्मी चीफ मोहम्मद घावेरी और इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स की एलीट फोर्स के प्रमुख हुसैन सलामी मारे गए। इसके साथ ही ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामेनेई के करीबी सलाहकार अली शमखानी भी गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। इस घटनाक्रम की पुष्टि खुद ईरान के सरकारी टेलीविजन ने की है, जिससे स्पष्ट है कि यह हमला कितना विनाशकारी था। इजरायल और ईरान के बीच यह तनाव अब महायुद्ध की ओर बढ़ता नजर आ रहा है।


इजरायल ने अब तक ईरान के लगभग 100 ठिकानों पर हमले किए हैं और यह संकेत दिया है कि ये हमले रुकने वाले नहीं हैं। ईरान ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए 100 से अधिक ड्रोन्स तैनात किए हैं। इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने दोहराया है कि ईरान को परमाणु हथियार रखने से रोका जाएगा। उनका कहना है कि यह इजरायल और क्षेत्रीय शांति के लिए खतरनाक हो सकता है। इस रुख को डोनाल्ड ट्रंप सहित कई अन्य नेताओं का समर्थन मिला है, जिन्होंने इजरायल की सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है। इस तनाव ने न केवल ईरान और इजरायल बल्कि पूरे मध्य पूर्व को संकट में डाल दिया है। इराक, लेबनान, सीरिया और जॉर्डन जैसे पड़ोसी देशों ने अपने हवाई क्षेत्र बंद कर दिए हैं, ताकि किसी भी संभावित दुर्घटना से बचा जा सके। ईरान ने भी तेहरान के अपने मुख्य हवाई अड्डे सहित पूरे एयरस्पेस को बंद कर दिया है। 

इन निर्णयों का असर भारत और अन्य देशों पर भी पड़ा है। भारत से कई उड़ानें वापस दिल्ली और मुंबई लौटने को मजबूर हुईं, जबकि विदेशों से आने वाली उड़ानों को डायवर्ट किया जा रहा है। इजरायल ने भी अपने विमान संचालन को अगले आदेश तक पूरी तरह बंद कर दिया है। इस स्थिति का अंतरराष्ट्रीय बाजारों पर गहरा असर पड़ा है। कच्चे तेल की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है, जिससे ऊर्जा संकट की आशंका बढ़ गई है। एयरलाइन कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई है। साथ ही, व्यापार और आर्थिक गतिविधियों पर भी इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। ऐसे में, यह स्पष्ट है कि इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव ने पूरी दुनिया को चिंतित कर दिया है। आने वाले दिन वैश्विक राजनीति और कूटनीति के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण और महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर दोनों देशों के बीच स्थिति और बिगड़ती है, तो इसका असर केवल इन देशों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह पूरी दुनिया को प्रभावित करेगा।