असम के धुबरी जिले में हाल ही में सामने आए सांप्रदायिक तनाव के बाद राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने इस घटना को एक सोची-समझी साजिश बताते हुए आरोप लगाया कि ईद से ठीक पहले कुछ असामाजिक तत्वों ने जानबूझकर धार्मिक भावनाएं भड़काने के उद्देश्य से धुबरी शहर के एक प्रमुख हनुमान मंदिर में गोमांस फेंका। सीएम ने इस कृत्य को ‘घृणित और निंदनीय अपराध’ करार देते हुए चेतावनी दी कि ऐसी हरकतों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा, “ईद जैसे पवित्र पर्व के मौके पर कुछ तत्वों ने राज्य की शांति और सौहार्द को बिगाड़ने की साजिश रची है। धुबरी के हनुमान मंदिर में जानबूझकर गोमांस फेंका गया, जिससे धार्मिक तनाव पैदा हो सके। यह घटना हमारे लिए बेहद गंभीर है और हमने पुलिस को स्पष्ट निर्देश दिया है कि ऐसी अवैध गतिविधियां करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए, ज़रूरत पड़ने पर गोली चलाने से भी परहेज़ न किया जाए।”
सीएम सरमा ने इस मामले में अपनी निजी प्रतिबद्धता भी जताई। उन्होंने कहा कि अगर आवश्यकता पड़ी तो वे आगामी ईद की रात खुद मंदिर में पहरा देंगे।उन्होंने कहा, “मैं खुद ईद की रात हनुमान बाबा के मंदिर में रुककर पहरेदारी करूंगा, ताकि कोई भी असामाजिक तत्व हमारे पवित्र स्थानों की पवित्रता को अपवित्र न कर सके।"
सीएम सरमा ने यह भी खुलासा किया कि धुबरी में हाल ही में एक नया ‘गोमांस माफिया’ सक्रिय हुआ है, जिसने ईद से पहले हजारों पशुओं की खरीद की है। उन्होंने कहा कि इस पूरे नेटवर्क की जांच चल रही है और दोषियों को किसी भी हालत में छोड़ा नहीं जाएगा। हमारे पास खुफिया सूचनाएं हैं कि यह माफिया संगठित तरीके से धार्मिक तनाव फैलाने की योजना बना रहा है। इस साजिश को समय रहते बेनकाब करना हमारी प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि राज्य सरकार मंदिरों, धार्मिक स्थलों और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने वाले तत्वों के खिलाफ 'जीरो टॉलरेंस' नीति अपनाएगी। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिया है कि किसी भी स्थिति में दोषियों के प्रति नरमी न बरती जाए।