कांग्रेस सांसद चरणजीत सिंह चन्नी ने आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान पर दलित विरोधी मानसिकता का आरोप लगाया है। चन्नी का कहना है कि दोनों नेता जालंधर में आयोजित कबीर जयंती कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए, जो इस सोच का स्पष्ट संकेत है। लुधियाना में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में चन्नी ने कहा, “केजरीवाल दलित विरोधी हैं। उन्होंने 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले दलित उपमुख्यमंत्री बनाने का वादा किया था, लेकिन आज तक वह वादा अधूरा है। यही नहीं, दलित संतों की स्मृति में आयोजित कार्यक्रमों से भी वे दूरी बनाए हुए हैं। जालंधर में कबीर जयंती समारोह में उनकी गैरमौजूदगी इसका उदाहरण है।” उन्होंने बताया कि जालंधर में केजरीवाल और भगवंत मान एक पार्क के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल हुए, जो कबीर जयंती समारोह स्थल से महज तीन किलोमीटर की दूरी पर था। “जब उद्घाटन के लिए समय था, तो फिर कबीर जयंती में शामिल होने में क्या परेशानी थी?” चन्नी ने सवाल उठाया।
पूर्व मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा कि कबीर भवन का निर्माण कांग्रेस सरकार ने 12 करोड़ रुपये की लागत से कराया था, लेकिन आम आदमी पार्टी की सरकार ने इसे नज़रअंदाज़ किया। उन्होंने आरोप लगाया कि अमृतसर स्थित भगवान वाल्मीकि तीर्थ के सरोवर की सफाई तक को लेकर आप सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया, जबकि कांग्रेस सरकार ने इसके लिए आधुनिक मशीनरी मुहैया कराई थी।
उन्होंने कहा, “आप सरकार सिर्फ बाबा साहेब की तस्वीरें लगाकर राजनीतिक लाभ उठाना चाहती है, जबकि असली काम कहीं नहीं हो रहा। कपूरथला स्थित पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी में अंबेडकर पर रिसर्च सेंटर के लिए 100 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए थे, लेकिन तीन साल में एक ईंट भी नहीं रखी गई।”
चन्नी ने डेरा सचखंड बल्लां का हवाला देते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने गुरु रविदास पर रिसर्च सेंटर के लिए डेरा प्रबंधन को 25 करोड़ रुपये का चेक जारी किया था। “चुनाव के समय केजरीवाल एंड कंपनी ने फिर वही चेक लेकर प्रचार किया, लेकिन वह राशि आज तक जारी नहीं की गई,” चन्नी ने आरोप लगाया।
शिक्षा और महिला सशक्तिकरण से जुड़े मुद्दों पर भी चन्नी ने आप सरकार को घेरा। उन्होंने कहा, “हाईकोर्ट के आदेश के बाद आरटीई कानून की अधिसूचना तो जारी की गई, लेकिन अमल के लिए कोई पहल नहीं हुई। प्राइवेट स्कूलों में गरीब बच्चों को दाखिले नहीं मिल रहे हैं।”
महिलाओं को 1,000 रुपये प्रति माह देने के वादे पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा, “चुनाव से पहले फार्म भरवाकर वोट बटोरे गए, लेकिन 40 महीने बाद भी एक रुपया नहीं मिला। अब महिलाएं पूछती हैं – दिल्ली वाले केजरीवाल अंकल उनके अकाउंट में पैसा कब भेजेंगे?”