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लकी नंबर 1206 बना अशुभ संकेत: विजय रूपाणी की मौत से जुड़ा अजीब इत्तेफाक

 13 Jun 2025

गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के लिए "1206" सिर्फ एक नंबर नहीं था, यह उनके जीवन का सौभाग्य का प्रतीक था। उनके स्कूटर से लेकर कार तक, हर वाहन की नंबर प्लेट पर यही अंक दर्ज रहता था। लेकिन 12 जून, 2025 को यही नंबर उनके जीवन की सबसे भयावह तारीख बन गया। इसी दिन, वह एअर इंडिया की फ्लाइट AI-171 से अहमदाबाद से लंदन जा रहे थे, और उड़ान भरने के महज चार मिनट बाद ही विमान हादसे का शिकार हो गया। इस भीषण दुर्घटना में विजय रूपाणी सहित 240 लोगों की जान चली गई। विमान में कुल 230 यात्री और 10 क्रू सदस्य सवार थे, जिनमें दो पायलट भी शामिल थे। हादसे का स्थान था मेघाणी, एक रिहायशी इलाका, जहां विमान गिरने से 24 स्थानीय लोगों की भी जान चली गई। हालांकि, इस हादसे में एक व्यक्ति चमत्कारिक रूप से जीवित बच गया।


पंजाब भाजपा अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने जानकारी दी कि विजय रूपाणी को अपनी पत्नी से मिलने के लिए 5 जून को लंदन जाना था। लेकिन लुधियाना पश्चिम उपचुनाव प्रचार के चलते उन्होंने यात्रा को 12 जून तक टाल दिया। जाखड़ ने गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा, "यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। नियति ने ऐसा मोड़ लिया जिसकी किसी को उम्मीद नहीं थी। विजयभाई का परिवार लंदन में इंतजार करता रहा, लेकिन वह कभी नहीं पहुंचे।"

राजकोट—विजय रूपाणी की जन्मभूमि नहीं, लेकिन उनकी कर्मभूमि और पहचान अब शोक में डूबा हुआ है। मुख्यमंत्री के तौर पर उन्होंने यहां नया हवाई अड्डा, एम्स अस्पताल और कई बुनियादी विकास परियोजनाएं पूरी कीं। स्थानीय निवासी संजय मेहता की आंखें भर आईं जब उन्होंने कहा, "वह बड़े नेता थे, लेकिन कभी अहंकार नहीं किया। हम उन्हें 'विजयभाई' कहते थे। वे हमारे पड़ोसी भी थे।" उनके निधन की खबर से हर गली में सन्नाटा पसरा और सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने राजनीतिक मतभेद भुलाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

विजय रूपाणी का जन्म 2 अगस्त 1956 को यंगून (बर्मा) के एक जैन परिवार में हुआ था। लेकिन 1960 में वहाँ की राजनीतिक अस्थिरता के कारण उनका परिवार भारत लौट आया और राजकोट में बस गया। कॉलेज के दिनों से ही वह छात्र राजनीति में सक्रिय रहे। लंबे समय तक भाजपा के साथ कार्य करते हुए उन्होंने 2016 से 2021 तक गुजरात के मुख्यमंत्री का कार्यभार संभाला।  विजय रूपाणी के निजी सहायक शैलेश मंडालिया ने बताया, "मैंने उन्हें एयरपोर्ट तक छोड़ा था। कुछ मिनट बाद ही यह भयानक खबर मिली। यकीन करना बहुत मुश्किल था।" उनके भतीजे मेहुल रूपाणी ने भी उनके निधन की पुष्टि की और बताया कि परिवार स्तब्ध है। "अमेरिका में बसे परिजन लौट रहे हैं। सरकार के सहयोग से उनका पार्थिव शरीर जल्द ही राजकोट लाया जाएगा।"