भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवा को लेकर लंबे समय से चल रही अटकलें अब वास्तविकता में बदलती दिख रही हैं। सूत्रों के अनुसार, एलन मस्क की कंपनी Starlink को भारत सरकार की ओर से सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू करने के लिए आवश्यक GMPCS (Global Mobile Personal Communication by Satellite) लाइसेंस प्रदान कर दिया गया है।
पिछले महीने Starlink को "लेटर ऑफ इंटेंट" दिया गया था, और अब सरकार ने एक कदम आगे बढ़ाते हुए उसे आधिकारिक तौर पर लाइसेंस जारी कर दिया है।
Starlink भारत में GMPCS लाइसेंस हासिल करने वाली तीसरी कंपनी बन गई है। इससे पहले जियो (Jio Satellite) और एयरटेल की वनवेब (OneWeb) को भी यह लाइसेंस मिल चुका है। दूरसंचार विभाग (DoT) की ओर से शुक्रवार को Starlink को यह मंजूरी दी गई, जिसे कंपनी के लिए एक अहम उपलब्धि माना जा रहा है।
इससे पहले केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने संकेत दिया था कि Starlink को जल्द ही लाइसेंस दिया जा सकता है।
हालांकि Starlink को भारत में इंटरनेट सेवा शुरू करने के लिए अभी एक और मंजूरी की जरूरत है। कंपनी को IN-SPACe (Indian National Space Promotion and Authorization Center) से अंतिम अनुमति प्राप्त करनी होगी। इसके बाद ही वह देश में व्यावसायिक रूप से सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू कर सकेगी।
फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि अंतिम मंजूरी मिलने में कितना समय लगेगा, लेकिन सूत्रों का कहना है कि प्रक्रिया अंतिम चरण में है।
एलन मस्क की कंपनी 2022 से भारत में अपनी सेवा शुरू करने की कोशिश कर रही थी। अब जाकर उन्हें सरकार की ओर से बड़ी राहत मिली है। Starlink की भारत में एंट्री से देश के दूरदराज और इंटरनेट से वंचित इलाकों को बड़ी सुविधा मिलने की उम्मीद है।
उधर, अमेज़न की सैटेलाइट यूनिट Kuiper भी भारत में प्रवेश की तैयारी कर रही है और उसने सरकार के पास लाइसेंस के लिए आवेदन दाखिल कर दिया है।