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‘किंगफिशर को डुबाने में सरकार की भूमिका’- भगोड़े विजय माल्या ने लगाए कई आरोप

 06 Jun 2025

कभी भारतीय कारोबार जगत की बड़ी हस्तियों में गिने जाने वाले विजय माल्या को आज भगोड़ा करार दिया जाता है। भारत सरकार लगातार ब्रिटेन से उनके प्रत्यर्पण की कोशिशों में लगी हुई है। इसी दौरान, विजय माल्या ने किंगफिशर एयरलाइंस के डूबने और उससे जुड़े मुद्दों पर खुलकर अपनी राय रखी। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति और तत्कालीन वित्त मंत्री दिवंगत प्रणब मुखर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि जब उनकी कंपनी मुश्किल दौर से गुजर रही थी, तब उन्होंने मुखर्जी से मदद मांगी थी। राज शमानी के पॉडकास्ट में माल्या ने 2008 की वैश्विक आर्थिक मंदी का जिक्र करते हुए कहा, "मैं मानता हूं कि 2008 तक हमारे हालात काफी अच्छे थे। लेकिन इसके बाद पूरी दुनिया में आर्थिक संकट छा गया। आपने लेहमन ब्रदर्स के बारे में सुना होगा। क्या वैश्विक आर्थिक मंदी का भारत पर असर नहीं हुआ? बिल्कुल हुआ। हर सेक्टर प्रभावित हुआ, पैसा आना बंद हो गया और भारतीय रुपये की स्थिति कमजोर हो गई।"


माल्या ने किंगफिशर एयरलाइंस की आर्थिक परेशानियों को लेकर विस्तार से बात की। उन्होंने बताया, "मैं प्रणब मुखर्जी से मिला और कहा कि हमें अपने काम को छोटा करना पड़ेगा। हमें विमानों की संख्या कम करनी होगी और कुछ कर्मचारियों की छंटनी करनी पड़ेगी। ऐसे हालात में कंपनी को इस तरह चलाना मुमकिन नहीं है। लेकिन मुझे ऐसा करने से मना कर दिया गया। मुझसे कहा गया कि अपना काम जारी रखें, बैंक मदद करेंगे। यहीं से हमारी मुश्किलें शुरू हुईं। किंगफिशर एयरलाइंस को अपनी सभी उड़ानें रद्द करनी पड़ीं और कंपनी संघर्ष करने लगी।" अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को लेकर माल्या ने नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा, "अगर मुझे भगोड़ा कह रहे हैं, तो यह आपकी मर्जी है। लेकिन मैं मार्च 2016 के बाद भारत नहीं गया क्योंकि मैं पहले से तय यात्रा पर निकला था। मैंने अपने कारणों से वापस नहीं लौटने का फैसला किया, जो मुझे वैध और सही लगे। लेकिन चोर क्यों कह रहे हैं? मैंने कौन सी चोरी की है? क्या कोई सबूत है?"

माल्या ने आगे कहा कि उनकी छवि को जानबूझकर खराब किया गया है। उन्होंने कहा, "मुझे चोर और भगोड़ा कहना आसान है, लेकिन कोई यह नहीं समझता कि वैश्विक आर्थिक मंदी का असर कितना बड़ा था। किंगफिशर एयरलाइंस को बचाने के लिए मैं हर संभव कोशिश कर रहा था। लेकिन न ही समय ने और न ही हालात ने मेरा साथ दिया।" इस बातचीत में माल्या ने अपनी गलतियों को भी स्वीकारा। उन्होंने कहा, "शायद मुझे कुछ फैसले पहले ही ले लेने चाहिए थे। संकट के समय मैंने सरकार से मदद की उम्मीद की, लेकिन चीजें वैसी नहीं हुईं जैसा मैंने सोचा था। इसके बावजूद, मुझे अपराधी की तरह पेश करना गलत है। मैं आज भी अपने बचाव में सच्चाई के साथ खड़ा हूं।"