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मायावती ने बिना नाम लिए नगीना सांसद पर साधा निशाना, EVM पर उठाए गंभीर सवाल

 05 Jun 2025

बहुजन समाज पार्टी (BSP) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने पार्टी मुख्यालय से जारी बयान में आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद पर कड़ा हमला किया है। हालांकि उन्होंने किसी का नाम लिए बिना कहा कि कुछ पार्टियां और संगठन, जो खुद को कांशीराम और मायावती के अंबेडकरवादी मिशन का आगे बढ़ाने वाला बताते हैं, वास्तव में ऐसा बिल्कुल नहीं कर रहे। मायावती ने अपने वोट बैंक को समझाने का प्रयास किया कि वे ऐसे किसी बहकावे में न आएं। उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर इन संगठनों का उद्देश्य सचमुच मिशन को आगे बढ़ाना होता तो वे अपनी अलग पार्टी बनाकर नहीं बल्कि BSP के साथ आकर इसे आगे बढ़ाते। मायावती ने कहा कि भले ही ये पार्टियां जातिवादी गठबंधन के सहारे सांसद या विधायक बन जाएं, परंतु अपने समाज के लिए वे कोई सार्थक कार्य नहीं करेंगी।


बीएसपी सुप्रीमो ने एक बार फिर से इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) की बजाय बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग दोहराई। उनका कहना है कि अगर चुनाव बैलेट पेपर से होंगे तो बीएसपी के अच्छे दिन निश्चित रूप से लौटेंगे। साथ ही उन्होंने सोशल मीडिया पर नेताओं की आपसी विवादित टिप्पणियों को लेकर भी चिंता व्यक्त की और कहा कि इससे समाज में सकारात्मक संदेश नहीं जाता। मायावती ने दलित वोट बैंक को समझाया कि बीजेपी, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी जैसी जातिवादी पार्टियां उनके समाज के लोगों को तोड़ने और बीएसपी को कमजोर करने में लगी हैं। इन पार्टियों के बहकावे में आने से बचना बेहद जरूरी है। बीएसपी सुप्रीमो ने कहा कि जबसे उनकी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में सत्ता हासिल की है और संसद में सांसद भेजे हैं, तबसे केंद्र और राज्य में सत्ता में बैठी जातिवादी और अंबेडकर विरोधी पार्टियां साम, दाम, दंड, भेद की रणनीतियों से बीएसपी को कमजोर करने में लगी हैं। उन्होंने बताया कि ये पार्टियां दलित और अन्य उपेक्षित वर्गों से जुड़े अवसरवादी लोगों का इस्तेमाल कर नए संगठन और पार्टियां बनाकर उनके बहुमत और एकता को तोड़ने का काम कर रही हैं।

मायावती ने दलित और अन्य उपेक्षित वर्गों के लोगों को सतर्क करते हुए कहा कि ऐसे अवसरवादी और स्वार्थी संगठनों तथा पार्टियों से दूरी बनाकर रखना जरूरी है। उनका कहना था कि ये संगठन बीएसपी और उनके जन्मदाता कांशीराम के बहुजन हिताय व बहुजन सुखाय के मिशन से कोई वास्ता नहीं रखते। उन्होंने कहा कि बीएसपी पूरी मेहनत से इस मिशन को आगे बढ़ाने में लगी है। बीएसपी फिर से मजबूत हो रही है, इसलिए इन अवसरवादी संगठनों के बहकावे में आना बिल्कुल ठीक नहीं। ये पार्टियां लगातार विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए लोगों को गुमराह कर उनकी ताकत बांटने और बीएसपी को कमजोर करने का प्रयास कर रही हैं।

मायावती ने ईवीएम प्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि विपक्षी पार्टियां अब धांधली को लेकर अधिक मुखर हो रही हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि भविष्य में सत्ता परिवर्तन के बाद चुनाव फिर से बैलेट पेपर से होंगे, जिससे बीएसपी को फिर से मजबूती मिलेगी। इस बीच पार्टी कार्यकर्ताओं को निराश नहीं होना चाहिए बल्कि हर स्तर पर पार्टी को मजबूत करने पर जोर देना चाहिए। मायावती ने देश में कोरोना संक्रमण, बढ़ती गरीबी और महंगाई, साथ ही भारी वर्षा और तूफान जैसे प्राकृतिक संकटों का भी उल्लेख किया। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों से इन मामलों में अधिक संवेदनशीलता और गंभीरता दिखाने का आग्रह किया। उन्होंने सरकारों की लापरवाही के कारण होने वाली दुर्घटनाओं, जैसे भगदड़ में मौतों को भी चिंता का विषय बताया।