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ट्रंप बोले- सरेंडर करो, और मोदी ने कर दिया, कांग्रेस ने उठाए फिर गंभीर सवाल

 04 Jun 2025

डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत-पाकिस्तान संघर्ष के बीच कथित युद्धविराम में अपनी भूमिका का दावा करने के बाद भारतीय राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए हैं। कांग्रेस पार्टी ने मंगलवार को भोपाल की रैली में राहुल गांधी के ‘नरेंदर, सरेंडर’ वाले बयान के बाद बुधवार को एक और हमला बोला। पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने अमेरिका के दबाव में देश की सुरक्षा और सेना के आत्मविश्वास से समझौता किया। 


पवन खेड़ा ने कहा, “12 सालों से एक पिक्चर बन रही थी ‘मुकद्दर का सिकंदर’ लेकिन जब वह सामने आई, तो निकली ‘नरेंदर का सरेंडर’। वह हीरो की छवि, जो भक्तों ने बनाई थी, अब खुद उन्हें ही बोझ लग रही है। कई लोग WhatsApp ग्रुप छोड़ रहे हैं, सोशल मीडिया से दूरी बना रहे हैं। हम उनके दर्द को समझ सकते हैं।” उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “बहादुरी किसी बूस्टर डोज या इंजेक्शन से नहीं आती। वह इंसान के चरित्र में होती है। अगर है तो दिखती है, और अगर नहीं है, तो सरेंडर जैसे फैसलों में झलक जाती है। पीएम मोदी में वह साहस नजर नहीं आया।”

खेड़ा ने दावा किया कि जब 10 मई को भारतीय सेना पाकिस्तान पर भारी पड़ रही थी, तभी अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का फोन आया और भारत को संघर्ष विराम के लिए मजबूर किया गया। उन्होंने कहा, “ट्रंप ने शायद कड़क आवाज में कहा होगा 'नरेंदर जी, सरेंडर करिए' और यहां से प्रधानमंत्री ने बिना कोई प्रतिरोध किए आदेश का पालन कर लिया। कश्मीर और पाकिस्तान पर निर्णायक मोड़ आने वाला था, लेकिन वह क्षण खो गया।” उन्होंने यह भी जोड़ा, “हम सोचते हैं, उस समय मोदी जी की बॉडी लैंग्वेज क्या रही होगी जब ट्रंप का फोन आया था। मिमियाते हुए सरेंडर कर जाना किसी बहादुर नेता का लक्षण नहीं हो सकता।”

पवन खेड़ा ने यह भी सवाल उठाया कि पीएम मोदी ने अब तक ट्रंप के दावों का खंडन क्यों नहीं किया। “पिछले 22 दिनों में अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति एक दर्जन बार कह चुके हैं कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार की धमकी देकर सीजफायर कराया। मोदी जी ने अब तक कोई जवाब नहीं दिया। क्या यह चुप्पी इस बात का संकेत नहीं है कि ‘नाम नरेंद्र, काम सरेंडर’ अब एक सच्चाई बन चुकी है?”