देश की राजधानी नई दिल्ली लंबे समय से वायु प्रदूषण की गंभीर समस्या से जूझ रही है। इस चुनौतीपूर्ण स्थिति से निपटने और नागरिकों को एक स्वच्छ व स्वस्थ वातावरण प्रदान करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मंगलवार को ‘वायु प्रदूषण शमन योजना 2025’ का औपचारिक शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने राजधानी को प्रदूषण मुक्त बनाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और कहा, “एक साफ, हरा और स्वस्थ दिल्ली मेरा सपना है।”
नई योजना के तहत वायु प्रदूषण से सर्वाधिक प्रभावित 13 चिन्हित इलाकों में अत्याधुनिक ‘मिस्ट स्प्रेयर’ लगाए जाएंगे, जो हवा में मौजूद सूक्ष्म धूल कणों को नियंत्रित करने में मदद करेंगे। सीएम गुप्ता ने कहा कि इन उपकरणों की मदद से स्थानीय स्तर पर प्रदूषण के स्तर में प्रभावी कमी लाई जा सकेगी। मुख्यमंत्री ने एक अहम निर्णय की घोषणा करते हुए बताया कि 1 नवंबर 2025 से दिल्ली में केवल BS-IV, CNG और इलेक्ट्रिक वाहनों को ही प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। उन्होंने कहा, “हमें अपनी राजधानी को उन वाहनों से मुक्त करना है जो ज़हरीली गैसें छोड़ते हैं। यह कदम दिल्ली के पर्यावरण की दिशा में एक बड़ा मोड़ साबित होगा।”
रेखा गुप्ता ने बताया कि 500 वर्ग मीटर से बड़े निर्माण स्थलों को अब अनिवार्य रूप से दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) के साथ पंजीकरण कराना होगा। उन्होंने कहा कि निर्माण गतिविधियों से होने वाले धूल-प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए यह कदम बेहद जरूरी है। भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को रोकने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री ने प्रदूषण जांच केंद्रों (PUCC) पर निगरानी बढ़ाने की घोषणा की। उन्होंने बताया कि इन केंद्रों का हर छह महीने में ऑडिट कराया जाएगा ताकि फर्जी सर्टिफिकेट और लापरवाही पर सख्त कार्रवाई हो सके।
शहर की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को पर्यावरण-अनुकूल बनाने के प्रयासों के तहत 2,300 इलेक्ट्रिक ऑटो-रिक्शा दिल्ली के विभिन्न मेट्रो स्टेशनों पर तैनात किए जाएंगे। इससे न केवल प्रदूषण में कमी आएगी बल्कि यात्रियों को अंतिम मील तक बेहतर कनेक्टिविटी भी मिलेगी। पर्यावरण संरक्षण को जन-आंदोलन में बदलने की दिशा में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने 5 जून, यानी विश्व पर्यावरण दिवस से शुरू होने वाले एक अनूठे अभियान की घोषणा की। इस अभियान का नाम ‘एक पेड़ मां के नाम’ रखा गया है, जिसके तहत दिल्ली में इस साल 70 लाख पौधे लगाए जाएंगे।