राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की आर्थिक शाखा स्वदेशी जागरण मंच (SJM) ने एक बार फिर चीन समेत अन्य देशों में बने सामान के बहिष्कार का आह्वान किया है। मंच का कहना है कि बार-बार चेतावनी के बावजूद चीन से आयात लगातार बढ़ रहा है, जो देश के आर्थिक हितों के खिलाफ है।
SJM के राष्ट्रीय संयोजक अश्विनी महाजन ने कहा कि अब समय आ गया है कि चीनी वस्तुओं को पूरी तरह दरकिनार कर स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने यह बयान हाल ही में पाकिस्तान के खिलाफ भारत द्वारा की गई सैन्य कार्रवाई 'ऑपरेशन सिंदूर' के संदर्भ में दिया। उनका तर्क था कि जिन देशों ने हमारे दुश्मनों का साथ दिया है, उनके साथ व्यापारिक संबंध खत्म करना या सीमित करना ही राष्ट्रहित में है, इशारा चीन की ओर था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हाल ही में मंच से विदेशी सामान न बेचने की अपील व्यापारियों से की थी। लेकिन आंकड़े एक अलग कहानी बयां करते हैं।
2018-19 में भारत ने 70 अरब डॉलर का आयात चीन से किया था,
जो 2023-24 तक बढ़कर 101 अरब डॉलर से अधिक हो गया।
इसके मुकाबले भारत का निर्यात चीन को महज 16 अरब डॉलर प्रतिवर्ष के आसपास ही रहा है।
गौरतलब है कि 2020 में गलवान घाटी संघर्ष के बाद भी चीन के सामान के बहिष्कार का व्यापक अभियान चला था। स्वदेशी जागरण मंच का कहना है कि उस समय देश में एक सकारात्मक लहर बनी थी, लेकिन समय के साथ उसका असर कमजोर पड़ गया।
महाजन ने कहा, "अगर हम चीन के उत्पादों की जगह भारतीय वस्तुओं का उपयोग करें, तो इससे चीन की अर्थव्यवस्था को झटका लगेगा और हमारे देश के कारोबारियों को नया जीवन मिलेगा।"
SJM अब इस मुद्दे को लेकर राष्ट्रव्यापी जनजागरण अभियान चलाने जा रहा है, जिसमें उपभोक्ताओं को यह बताया जाएगा कि चीनी वस्तुओं से परहेज करके वे न सिर्फ देश की सुरक्षा में योगदान दे रहे हैं, बल्कि भारतीय उद्यमियों को भी मजबूती प्रदान कर रहे हैं।