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ऑपरेशन सिंदूर में शामिल रही महिला अधिकारी को सुप्रीम कोर्ट से राहत- अभी न हटाएं ड्यूटी से

 05 Aug 2025

भारतीय वायुसेना की विंग कमांडर निकिता पांडे को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। शीर्ष अदालत ने उनके स्थायी कमीशन (Permanent Commission) से जुड़े विवाद पर सुनवाई करते हुए एयर फोर्स को निर्देश दिया है कि अगले आदेश तक उन्हें सेवा से कार्यमुक्त न किया जाए। मुख्य सैन्य अभियानों ‘ऑपरेशन बालाकोट’ और हालिया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में सक्रिय भूमिका निभा चुकीं विंग कमांडर पांडे ने याचिका दायर कर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें बिना ठोस कारण स्थायी कमीशन देने से इनकार कर दिया गया। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए इस पर अंतरिम रोक लगाई और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया।


पांडे की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. मेनका गुरुस्वामी ने अदालत को बताया कि उनकी मुवक्किल ने वायुसेना में 13.5 वर्षों से अधिक सेवा दी है और वह एक एक्सपर्ट फाइटर कंट्रोलर हैं। उन्होंने बताया कि पांडे मैनेज्ड इंटीग्रेटेड एयर कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम (IACCS) के तहत काम करने वाली शीर्ष विशेषज्ञों में से एक हैं और उनकी योग्यता की रैंकिंग मेरिट लिस्ट में दूसरे स्थान पर रही है। हालांकि, 2019 में जारी एक नीति के आधार पर उन्हें सेवा समाप्त करने के लिए मजबूर किया गया। याचिकाकर्ता की ओर से दलील दी गई कि यह फैसला न सिर्फ अनुचित है, बल्कि सेना की योग्यता आधारित प्रणाली की आत्मा के भी खिलाफ है।

सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने अदालत को बताया कि पांडे को स्थायी कमीशन न देने का निर्णय "अनफिट" करार दिए जाने के कारण लिया गया था। हालांकि उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि पांडे के मामले की दोबारा समीक्षा के लिए एक नया बोर्ड गठित किया गया है। ASG भाटी ने कहा कि वायुसेना जैसे सैन्य ढांचे में "कॉम्परेटिव मेरिट" अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। सेना में युवा नेतृत्व को बनाए रखने और "steep pyramidical structure" को संतुलित रखने के लिए आवश्यक होता है कि कुछ अफसरों को 14 वर्ष की सेवा के बाद बाहर किया जाए। 

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि सेना को इतने सक्षम ढंग से ढाला जाना चाहिए कि कोई भी योग्य अधिकारी स्थायी कमीशन से वंचित न रहे। उन्होंने कहा, “अनिश्चितता की स्थिति एक समर्पित अफसर के मनोबल को प्रभावित कर सकती है।”