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गोलीबारी पीड़ितों के परिवारों को मिलेगी सरकारी नौकरी, जम्मू-कश्मीर प्रशासन का फैसला

 05 Aug 2025

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा आज पुंछ जिले के नांगली साहिब गुरुद्वारा पहुंचे, जहां उन्होंने हाल की पाकिस्तानी गोलीबारी में मारे गए नागरिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की और घायलों के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने बताया कि घायलों को समुचित इलाज मुहैया कराया गया है और सरकार लगातार राहत कार्यों की निगरानी कर रही है। 


भावुक होते हुए एलजी ने बताया, “मुझे कई दुखद घटनाओं के बारे में बताया गया, जिनका मैं विवरण नहीं देना चाहता। लेकिन मैं विशेष रूप से 12 वर्षीय जुड़वां भाई-बहन, उरवा फातिमा और ज़ैन अली को श्रद्धांजलि देना चाहता हूं, जो पाकिस्तान की नापाक गोलीबारी का शिकार बने। उनके पिता गंभीर रूप से घायल हैं, जिनसे मैं अस्पताल में मिला। भगवान की कृपा से उनकी हालत में सुधार है और उम्मीद है कि उन्हें जल्द छुट्टी मिल जाएगी।”

एलजी ने बैसरन घाटी में हुए 22 अप्रैल के आतंकी हमले की याद दिलाई, जिसमें 26 निर्दोष पर्यटकों की धर्म पूछकर हत्या कर दी गई थी। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने आतंकवाद और उसके संरक्षकों को कड़ा संदेश देने का निर्णय लिया और 7 मई को भारतीय सेना ने आतंकियों के नौ ठिकानों पर कार्रवाई की, जिसमें 100 से अधिक आतंकी मारे गए। एलजी ने बताया, “हमने स्पष्ट किया कि भारत निर्दोष नागरिकों को निशाना नहीं बनाता, हमारा लक्ष्य सिर्फ आतंकी और उनके आकाओं को खत्म करना है। लेकिन पाकिस्तान ने इसे अपने खिलाफ युद्ध समझते हुए उसी रात 1:30 बजे सीमा पर गोलीबारी और बमबारी शुरू कर दी।" 

एलजी सिन्हा ने बताया कि सबसे अधिक तबाही पुंछ जिले में हुई है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार और जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने राहत के तौर पर प्रत्येक मृतक के परिवार को ₹16 लाख की सहायता राशि प्रदान की है। घायल नागरिकों के इलाज की जिम्मेदारी भी प्रशासन ने ली है। “यह राजनीति का समय नहीं है, यह लोगों के दुख को साझा करने और उनके साथ खड़े होने का समय है,” उन्होंने कहा। साथ ही एलजी ने यह आश्वासन भी दिया कि गोलीबारी में जान गंवाने वाले हर व्यक्ति के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि जिन घरों को नुकसान पहुंचा है, उनका पुनर्वास प्राथमिकता पर किया जा रहा है और प्रशासन लगातार नुकसान का मूल्यांकन कर रहा है।