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ऊर्जा आयात में आत्मनिर्भरता की ओर भारत, 112 क्रूड टैंकर खरीदने की योजना तैयार

 05 Aug 2025

भारत अब ऊर्जा सुरक्षा को लेकर पहले से कहीं अधिक गंभीर रुख अपनाता दिख रहा है। वर्षों से कच्चे तेल के आयात में विदेशी टैंकरों पर निर्भर रहने वाला देश अब इस स्थिति को बदलने की दिशा में निर्णायक कदम उठा रहा है। सरकार की योजना है कि भारत के पास अपनी स्वदेशी ऑयल टैंकर फ्लीट हो, न केवल नियंत्रण भारत के पास हो, बल्कि उनका निर्माण भी देश में ही किया जाए। अब तक सरकारी तेल कंपनियां कच्चे तेल के परिवहन के लिए विदेशी जहाजों का सहारा लेती रही हैं। इनमें से कई टैंकर पुराने, महंगे और संचालन में अप्रभावी हैं। इससे न केवल लॉजिस्टिक लागत बढ़ती है, बल्कि भारत का सामरिक नियंत्रण भी सीमित रहता है। तेल आपूर्ति जैसे संवेदनशील मसलों पर रणनीतिक आत्मनिर्भरता की कमी लंबे समय से महसूस की जाती रही है।


अब सरकार इस स्थिति को बदलने जा रही है। भारत 2040 तक 112 नए क्रूड ऑयल टैंकर खरीदने की योजना बना रहा है। अनुमानित लागत लगभग 85,000 करोड़ रुपये (10 अरब डॉलर) होगी। इस योजना का पहला चरण 79 टैंकरों की खरीद से शुरू होगा, जिसमें 30 मीडियम रेंज कैरियर शामिल होंगे। सरकारी सूत्रों के अनुसार, पहले 10 टैंकरों का ऑर्डर इसी महीने के अंत तक दिया जा सकता है, जो इस महत्वाकांक्षी योजना की पहली कड़ी होगा। 

इस पूरी परियोजना की सबसे उल्लेखनीय बात यह है कि सभी टैंकर भारत में ही बनाए जाएंगे। भले ही विदेशी कंपनियों से तकनीकी साझेदारी हो, लेकिन निर्माण का काम देश में ही होगा। इससे देश की शिपबिल्डिंग इंडस्ट्री को बड़ी मजबूती मिलेगी और हज़ारों लोगों के लिए स्थानीय रोज़गार के अवसर खुलेंगे। भले ही दुनिया क्लीन एनर्जी की ओर बढ़ रही हो, लेकिन भारत में ऊर्जा की मांग लगातार तेज़ी से बढ़ रही है। रिफाइनिंग क्षमता को 2030 तक 250 मिलियन टन से बढ़ाकर 450 मिलियन टन करने का लक्ष्य इसी बढ़ती मांग को देखते हुए रखा गया है। घरेलू उपभोग हो या निर्यात, भारत को कच्चे तेल की आपूर्ति को लेकर लॉजिस्टिक नियंत्रण अपने हाथ में लेना ज़रूरी हो गया है।

फिलहाल भारत के पास मौजूद कुल टैंकरों में से मात्र 5% स्वदेशी हैं। सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक यह आंकड़ा 7% और 2047 तक 69% तक पहुंचाया जाए। यह लक्ष्य न केवल आत्मनिर्भर भारत अभियान को गति देगा, बल्कि भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के सपने की आधारशिला भी साबित होगा।