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उत्तराखंड के मदरसों में पढ़ाया जाएगा ‘ऑपरेशन सिंदूर’, धामी सरकार फैसला

 05 Aug 2025

उत्तराखंड सरकार ने  राज्य के मदरसों में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को पाठ्यक्रम में शामिल करने का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में यह निर्णय लिया गया है, जिससे मदरसों के छात्रों को भारतीय सेना की वीरता, साहस और राष्ट्र के प्रति समर्पण की भावना से अवगत कराया जा सके। यह अध्याय हाल ही में भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में किए गए आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमलों की विस्तृत जानकारी देगा। इस सैन्य कार्रवाई को ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया गया था, जिसे देश के भीतर और बाहर व्यापक समर्थन और सराहना प्राप्त हुई थी।


प्रदेश के 451 पंजीकृत मदरसों में वर्तमान में 50,000 से अधिक छात्र पंजीकृत हैं, जो अब इस सैन्य ऑपरेशन की कहानी से प्रेरित होंगे। उत्तराखंड मदरसा बोर्ड ने साफ़ किया है कि यह पहल छात्रों में देशभक्ति की भावना को और मज़बूत करने के उद्देश्य से की गई है। मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने मंगलवार को दिए बयान में कहा, “हम मदरसों के विद्यार्थियों को यह बताना चाहते हैं कि ऑपरेशन सिंदूर केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि राष्ट्र की सुरक्षा के लिए किया गया एक निर्णायक और साहसी कदम था। यह समझना जरूरी है कि हमारे देश के सैनिक किस तरह हर मोर्चे पर डटकर राष्ट्र की रक्षा करते हैं।” 

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान द्वारा की गई आतंकी कार्रवाई, जिसमें निर्दोष भारतीयों की जान गई—ना केवल एक अमानवीय कृत्य था, बल्कि यह कुरान की शिक्षाओं के भी खिलाफ था। उन्होंने पाकिस्तान को 'नापाक मुल्क' करार देते हुए कहा कि उसकी हरकतों को जवाब देना न केवल भारत का हक़ था, बल्कि कर्तव्य भी।

बोर्ड अध्यक्ष कासमी ने यह भी जानकारी दी कि राज्य सरकार की नीति के तहत मदरसों में एनसीईआरटी आधारित पाठ्यक्रम पहले ही लागू किया जा चुका है और उन्हें धीरे-धीरे आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित किया जा रहा है।  उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार मदरसों को मुख्यधारा की शिक्षा व्यवस्था से जोड़ने का निरंतर प्रयास कर रही है। पाठ्यक्रम में ऑपरेशन सिंदूर को शामिल करना इसी दिशा में एक मजबूत कदम है।” मदरसा बोर्ड जल्द ही पाठ्यक्रम समिति की बैठक बुलाएगा, जिसमें ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के लिए अध्याय की संरचना, विषय-वस्तु, और प्रस्तुति को अंतिम रूप दिया जाएगा।