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पवन कल्याण की रोहिंग्या घुसपैठ पर चिंता, कहा- 'स्थानीय रोजगार और सुरक्षा को प्राथमिकता मिलनी चाहिए'

 20 May 2025

आंध्र प्रदेश के उप मुख्यमंत्री पवन कल्याण ने मंगलवार को राज्य में बढ़ती रोहिंग्या घुसपैठियों की समस्या पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने इसे केवल स्थानीय लोगों के रोजगार पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी एक गंभीर खतरा बताया। पवन कल्याण ने सवाल उठाया कि कैसे ये घुसपैठिए आसानी से आधार कार्ड और राशन कार्ड जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज प्राप्त कर पा रहे हैं, जो इस मुद्दे को और भी जटिल बना रहा है। पवन कल्याण ने कहा, "2017-18 के दौरान, मुझे विशेष रूप से सुनार समुदाय से कई शिकायतें मिलीं कि बंगाल से लोग आकर आंध्र प्रदेश में काम करने लगे हैं। इसमें संदेह है कि इनमें से कई लोग म्यांमार से आए रोहिंग्या हो सकते हैं। ऐसा लगता है कि इसके पीछे कोई स्थानीय नेटवर्क काम कर रहा है, जिसे अब गंभीरता से जांचने की आवश्यकता है। मैंने इस विषय को संबंधित अधिकारियों के साथ साझा किया है और उनसे इस पर कार्रवाई करने की अपील की है।" 


 स्थानीय युवाओं के रोजगार पर चिंता व्यक्त करते हुए पवन कल्याण ने कहा कि तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में नौकरियों में प्राथमिकता स्थानीय युवाओं को दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा, "जब अपने ही लोगों के लिए पर्याप्त रोजगार के अवसर नहीं हैं, तो हम अवैध घुसपैठियों को ये अवसर कैसे दे सकते हैं? यह किसी भी हालत में स्वीकार्य नहीं है। हमें अपनी प्राथमिकताएं तय करनी होंगी, और स्थानीय लोगों को पहले अवसर मिलना चाहिए।" पवन कल्याण ने आगे कहा कि दक्षिण भारत पहले से ही आतंकवादियों और अन्य अवैध तत्वों के लिए एक "सॉफ्ट टारगेट" बन चुका है। उन्होंने उल्लेख किया कि पहले ही कोयंबटूर और हैदराबाद जैसे शहरों में आतंकवादी हमलों का सामना किया जा चुका है। "मैंने काकीनाडा पोर्ट पर संभावित खतरे की जानकारी डीजीपी को दी थी और बाद में तेलंगाना और आंध्र प्रदेश पुलिस ने मिलकर एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया था।" 

 उप मुख्यमंत्री ने सरकार और प्रशासन से एक मजबूत सुरक्षा तंत्र लागू करने की अपील की, ताकि स्थानीय लोगों की सुरक्षा और रोजगार की प्राथमिकताएं सुनिश्चित की जा सकें। उन्होंने कहा, "अवैध घुसपैठियों के खिलाफ एक निर्णायक और सतर्क रवैया अपनाना बहुत जरूरी है, ताकि किसी भी प्रकार की सुरक्षा चूक से बचा जा सके। यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारी सीमाओं की सुरक्षा मजबूत हो और स्थानीय लोगों को उनके हक मिलें।"