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तुर्किए के बायकॉट से सतर्क हुआ चीन, पाकिस्तान को समर्थन देने से किया इनकार
19 May 2025

भारत ने 7 से 10 मई के बीच ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर लक्षित हवाई और ड्रोन हमले किए। इन हमलों में भारतीय सेना ने ड्रोन, मिसाइल और स्मार्ट बम का उपयोग करते हुए पाकिस्तान की रक्षा व्यवस्था को गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त किया। इस ऑपरेशन ने न केवल पाकिस्तान की कमज़ोर एयर डिफेंस क्षमताओं को उजागर किया, बल्कि उसके सहयोगी चीन द्वारा आपूर्ति किए गए हथियारों की सीमाएं भी सामने ला दीं।
इस सैन्य कार्रवाई के दौरान चीन ने पर्दे के पीछे रहकर पाकिस्तान को रक्षा सहायता दी। इसमें उन्नत हथियारों की आपूर्ति, रडार और सैटेलाइट आधारित खुफिया जानकारी भी शामिल थी। हालांकि, आलोचना बढ़ने पर चीन ने आधिकारिक तौर पर इससे इनकार करते हुए खुद को तटस्थ बताया।
चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा, “भारत और पाकिस्तान दोनों हमारे महत्वपूर्ण पड़ोसी हैं। हम दोनों देशों के साथ अपने संबंधों को महत्व देते हैं।” उन्होंने आगे कहा कि चीन भारत-पाकिस्तान के बीच शांति बनाए रखने की दिशा में रचनात्मक भूमिका निभाने को तैयार है।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना की कार्ययोजना और तकनीकी दक्षता ने चीन निर्मित पाकिस्तानी हथियारों की कमजोरियों को बेनकाब कर दिया। लाहौर में तैनात चीन का ‘वाईएलसी-8ई एंटी-स्टील्थ रडार’ भारत के हमले में गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गया। वहीं पंजाब (पाकिस्तान) के चुनियां एयरबेस पर इसी रडार सिस्टम को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया।
पाकिस्तान द्वारा दागे गए चीन निर्मित AR-1 लेज़र-गाइडेड मिसाइल और ड्रोन को भारत की मिसाइल-रोधी प्रणाली ने हवा में ही नष्ट कर दिया। चीन का बहुप्रचारित HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम भी भारतीय हमलों को रोकने में विफल रहा — भारतीय साइबर यूनिट्स ने इसे सफलतापूर्वक जाम कर दिया, जिससे भारतीय फाइटर जेट्स और मिसाइलें बिना रुकावट पाकिस्तान की सीमा में घुसने में सक्षम रहीं।
इस संकट के बीच भारत में तुर्किए के खिलाफ भी बहिष्कार तेज हो गया है। पाकिस्तान का समर्थन करने पर भारतीय उपभोक्ताओं ने न केवल तुर्की के सामान—जैसे सेब और संगमरमर—का बहिष्कार शुरू किया है, बल्कि ट्रैवल कैंसिलेशन और तुर्की कंपनियों के व्यापार में भारी गिरावट भी देखने को मिली है। इस स्थिति ने चीन को भी चिंतित कर दिया है कि कहीं उसके हथियार निर्यात और निवेश पर भी भारत में नकारात्मक असर न पड़े।
चीनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर इस असफलता की वजह पाकिस्तान की खराब ट्रेनिंग और रणनीतिक चूक को बताया गया। कई पोस्ट्स में कहा गया कि पाकिस्तान ने चीन द्वारा दिए गए आधुनिक हथियारों का कुशलता से उपयोग नहीं किया, जिससे यह सबक मिलता है कि तकनीक के साथ-साथ संचालन कौशल भी ज़रूरी है।