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दिल्ली के बिजनेसमैन पर आतंक फंडिंग का आरोप, SC ने कहा– अभी जमानत नहीं

 13 May 2025

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (13 मई, 2025) को गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह पर हुए मादक पदार्थ तस्करी मामले में गिरफ्तार दिल्ली के व्यवसायी हरप्रीत तलवार सिंह की जमानत याचिका खारिज कर दी है। अदालत ने तलवार को छह महीने बाद पुनः जमानत के लिए याचिका दाखिल करने की अनुमति दी है। यह मामला 21,000 करोड़ रुपये मूल्य की लगभग 3,000 किलो हेरोइन की तस्करी से जुड़ा है, जिसे अब तक देश की सबसे बड़ी मादक पदार्थ जब्ती माना जा रहा है। 


जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने इस निर्णय में कहा कि आरोपी के खिलाफ "आतंकवाद के वित्तपोषण" का आरोप अभी अपरिपक्व (premature) है। साथ ही विशेष अदालत को निर्देश दिया गया है कि इस मामले की सुनवाई को शीघ्रता से निपटाने के लिए प्रत्येक माह कम से कम दो बार इसकी सुनवाई की जाए। सुप्रीम कोर्ट ने 23 अप्रैल को इस याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।

क्या है मामला?

सितंबर 2021 में अफगानिस्तान से ईरान के रास्ते भारत पहुंचे कुछ कंटेनरों में अर्ध-प्रसंस्कृत टैल्क स्टोन की आड़ में भारी मात्रा में हेरोइन लाई गई थी। 13 सितंबर को राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) द्वारा की गई जांच में इन कंटेनरों से 2,988.21 किलोग्राम हेरोइन बरामद की गई, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में अनुमानित कीमत 21,000 करोड़ रुपये बताई गई। जांच एजेंसियों ने खुलासा किया कि यह खेप अफगानिस्तान से भारत लाई गई ड्रग्स की छठी और अंतिम खेप थी, जिसे पकड़ा गया। इस केस में कई अफगानी नागरिकों समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

हरप्रीत तलवार सिंह, जिन्हें कबीर तलवार के नाम से भी जाना जाता है, दिल्ली के एक कारोबारी हैं और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में कई हाई-प्रोफाइल नाइट क्लब चलाते हैं। उन्हें अगस्त 2022 में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने गिरफ्तार किया था। एजेंसी का दावा है कि ड्रग्स से कमाई गई रकम का इस्तेमाल आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की गतिविधियों के लिए किया जा रहा था। मामला फिलहाल विशेष अदालत में विचाराधीन है और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार अब इसकी सुनवाई में तेजी लाई जाएगी। अदालत ने स्पष्ट किया कि भले ही फिलहाल आरोपी को जमानत नहीं दी जा रही है, लेकिन छह महीने बाद वह पुनः याचिका दाखिल कर सकता है।