गुजरात पुलिस ने सूरत से 40 वर्षीय व्यापारी दीपेन परमार को गिरफ्तार किया है, जिसने पहलगाम आतंकी हमले के बारे में एक आपत्तिजनक वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किया था। 22 अप्रैल को पाकिस्तान से आए आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक भीषण हमला किया, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई। इन आतंकवादियों ने पर्यटकों को निशाना बनाते हुए निर्दयता से उनकी हत्या की थी। इस हमले के बाद भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में स्थित आतंकवादी ठिकानों पर हमला किया, जिससे देशभर में तनाव बढ़ गया था।
दीपेन परमार ने फेसबुक पर एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें उसने यह आरोप लगाया था कि पहलगाम आतंकी हमला पूर्व नियोजित था और इसके पीछे आतंकवादियों के सरगना भारत में रह रहे हैं। इस वीडियो में दिए गए बयान ने समाज में और भी भ्रम फैलाया और झूठी जानकारी का प्रचार किया।
अमरोली पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू करते हुए परमार के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 197 (1)(D) के तहत एक मामला दर्ज किया। यह धारा देश की संप्रभुता, अखंडता और एकता को खतरे में डालने वाले झूठे प्रचार करने पर लागू होती है। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
यह हमला 22 अप्रैल को हुआ था, जब आतंकवादियों ने कश्मीर के पहलगाम इलाके में घातक हमला किया था, जिसमें गुजरात, महाराष्ट्र, बिहार, हरियाणा सहित अन्य राज्यों के लोग मारे गए थे। इसके अलावा, एक नेपाली नागरिक भी आतंकियों के हाथों मारा गया। हमलावरों ने अपने शिकार से धर्म पूछकर उन्हें गोली मारी थी। इस हमले में कई लोग घायल भी हुए थे। इसके जवाब में, भारतीय सेना ने 7 मई को पाकिस्तान में 9 आतंकवादी ठिकानों पर मिसाइलों से हमला किया और 100 से अधिक आतंकवादियों को मार डाला।
इस कार्रवाई ने आतंकवादियों को करारा जवाब दिया और सुरक्षा बलों की दृढ़ता को प्रदर्शित किया।
दीपेन परमार का वीडियो इन घटनाओं के बाद समाज में और अधिक अशांति फैलाने का कारण बना, जिसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया। पुलिस अब इस मामले की पूरी तरह से जांच कर रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इस तरह की झूठी और भ्रामक जानकारी फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं।