भारत-पाकिस्तान सीमा पर जारी तनाव के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने देश के सभी मीडिया चैनलों को परामर्श जारी किया है। मंत्रालय ने आग्रह किया है कि वे सामुदायिक जागरूकता अभियानों को छोड़कर अपने नियमित कार्यक्रमों में हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन की आवाज का प्रयोग न करें। अग्निशमन सेवा, नागरिक सुरक्षा और होम गार्ड महानिदेशालय द्वारा जारी इस परामर्श में कहा गया है कि ऐसे सायरनों का नियमित प्रयोग नागरिकों की संवेदनशीलता को कम कर सकता है। वास्तविक आपात स्थिति में लोग सायरन को महज एक "टीवी इफेक्ट" समझ सकते हैं। यह नागरिक सुरक्षा अधिनियम, 1968 की धारा 3(1)(w)(i) के तहत जारी निर्देश है।
शनिवार को भारत ने पाकिस्तान के उस फर्जी प्रचार को खारिज कर दिया जिसमें दावा किया गया था कि 'ऑपरेशन सिंदूर' में भारतीय सैन्य ठिकानों को गंभीर नुकसान पहुंचा है।
विदेश और रक्षा मंत्रालय के संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने कहा कि अधमपुर में S-400 प्रणाली, सूरतगढ़ और सिरसा एयरबेस, नगरोटा में ब्रह्मोस स्पेस तथा चंडीगढ़ व देहरांगियारी में आर्टिलरी ठिकानों को नष्ट किए जाने के दावे झूठे और मनगढ़ंत हैं। उन्होंने इस दावे के खंडन में समय-संकेतित तस्वीरें भी दिखाईं।
विंग कमांडर सिंह ने कहा कि पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा (LOC) पर ड्रोन और भारी तोपखानों से हमले तेज कर दिए हैं। कुपवाड़ा, पुंछ, राजौरी और अखनूर सेक्टर में गोलाबारी से नागरिकों की जान को खतरा हुआ है। उन्होंने बताया कि भारतीय सेना ने प्रभावी और अनुपातिक प्रतिक्रिया दी, जिससे पाकिस्तान को सैन्य क्षति हुई है।
इसी बीच गृह मंत्रालय ने 7 मई को देशभर के 244 नागरिक सुरक्षा जिलों में व्यापक अभ्यास कराने के निर्देश दिए। इस अभ्यास में हवाई हमले के दौरान सायरन बजाना, नागरिकों को बचाव के उपाय सिखाना और स्थानीय स्तर पर तैयारियों का मूल्यांकन शामिल था। मंत्रालय का उद्देश्य नागरिक सुरक्षा तंत्र को ग्राम स्तर तक मजबूत करना है।