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"तनाव के बीच अखिलेश यादव की सलाह- टेक्नोलॉजी पर निर्णायक नियंत्रण जरूरी"

 09 May 2025

भारत और पाकिस्तान के बीच ऑपरेशन सिंदूर के बाद पैदा हुए तनावपूर्ण हालातों के बीच समाजवादी पार्टी अध्यक्ष और कन्नौज से सांसद अखिलेश यादव ने सरकार को टेक्नोलॉजी, साइबर सुरक्षा और विदेश नीति से जुड़ी गंभीर चेतावनियां दी हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में संवेदनशील जानकारियों और अंतरराष्ट्रीय संबंधों को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरतना बेहद जरूरी है। एक विस्तृत सोशल मीडिया पोस्ट में अखिलेश यादव ने लिखा, “आज के युग में जब हर हाथ में मोबाइल है, हर वाहन और जहाज में GPS है, और शासन से लेकर बैंकिंग तक हर गतिविधि इंटरनेट पर निर्भर है—ऐसे में कम्युनिकेशन एक अत्यंत संवेदनशील विषय बन चुका है।” उन्होंने चेताया कि यदि इस पर ठोस नियंत्रण नहीं रखा गया तो देश की सुरक्षा और संप्रभुता को गंभीर खतरा हो सकता है।


सपा अध्यक्ष ने लिखा कि साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहा है, बड़ी कंपनियां हैक हो रही हैं और आम लोग ठगी के शिकार हो रहे हैं। उन्होंने कहा, “सरकार को इस पर निर्णायक नियंत्रण सुनिश्चित करना चाहिए ताकि किसी आपातकालीन स्थिति में विदेशी तकनीकी कंपनियों पर तुरंत नियंत्रण स्थापित किया जा सके।” अंतरराष्ट्रीय संबंधों को लेकर अखिलेश यादव ने सरकार को आगाह किया कि वैश्विक राजनीति में स्थायी मित्रता की कोई गारंटी नहीं होती। उन्होंने कहा, “दूसरे देशों की राजनीतिक परिस्थितियां और आर्थिक नीतियां लगातार बदलती रहती हैं। ऐसे में यह मान लेना कि कोई देश हमेशा हमारा मित्र रहेगा, एक गंभीर भूल हो सकती है।”

सपा प्रमुख ने आत्मनिर्भरता पर बल देते हुए कहा, “तकनीक भले ही बाहर से ली जाए, लेकिन उसका संचालन और नियंत्रण पूरी तरह देश के हाथ में होना चाहिए। सुरक्षा और संप्रभुता से जुड़े मामलों में यह समझौता नहीं हो सकता।” उन्होंने सरकार की आर्थिक नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि जब तक देशी कारोबारियों को प्रोत्साहन और सुरक्षा नहीं मिलेगी, तब तक स्टार्टअप्स और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का विकास नहीं हो सकता। 

उन्होंने कहा, “विदेशी कंपनियों का लक्ष्य सिर्फ मुनाफा होता है, न कि हमारी अर्थव्यवस्था को मजबूती देना। हमें आत्मनिर्भर बनना होगा और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना होगा।” पोस्ट के अंत में अखिलेश यादव ने लिखा, “हमारे सांस्कृतिक मूल्य, शांतिपूर्ण नीतियाँ, स्वतंत्रता, समता, स्वावलंबन, एकता, अखंडता और कल्याणकारी राज्य की अवधारणा ही हमारे विकास का आधार होनी चाहिए।”