भारत और पाकिस्तान के बीच लगातार बढ़ते तनाव के बीच केंद्र सरकार ने चौकसी और तैयारियों को लेकर अपनी सक्रियता तेज कर दी है। शुक्रवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने देशभर के अस्पतालों और स्वास्थ्य सुविधाओं की आपात समीक्षा बैठक बुलाई। इस उच्च स्तरीय बैठक में स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया और सभी राज्यों में स्वास्थ्य तंत्र की मौजूदा स्थिति की विस्तृत जानकारी दी।
बैठक के दौरान अस्पतालों की संचालन स्थिति, आपातकालीन सेवाएं, दवाओं की उपलब्धता और निगरानी व्यवस्था की गहन समीक्षा की गई। यह बैठक ऐसे समय पर हुई जब पाकिस्तान की ओर से सीमा पार जवाबी हमलों की आशंका को लेकर देशभर में सतर्कता बढ़ा दी गई है।
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 27 पर्यटकों की जान जाने के बाद भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया था। इसके जवाब में पाकिस्तान द्वारा कई मोर्चों पर ड्रोन और मिसाइल हमलों की नाकाम कोशिशें की गई हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय की बैठक से पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने साउथ ब्लॉक में देश की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह और रक्षा सचिव आरके सिंह सहित तमाम वरिष्ठ सैन्य अधिकारी उपस्थित थे।
भारतीय सेना ने जानकारी दी कि 8 और 9 मई की मध्यरात्रि के दौरान पश्चिमी सीमा और एलओसी पर पाकिस्तान की ओर से ड्रोन और हथियारबंद हमले किए गए। इन हमलों को पूरी तरह नाकाम किया गया। इसके अलावा नियंत्रण रेखा पर हुए संघर्षविराम उल्लंघनों (सीएफवी) का भी भारतीय सेना ने कड़ा जवाब दिया।
सेना ने कहा, "भारतीय सशस्त्र बल देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। पाकिस्तान के किसी भी नापाक इरादे का जवाब दृढ़ता से दिया जाएगा।"