जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को 13 दिन बीत चुके हैं, लेकिन इलाके में दहशत और शोक का माहौल अब भी कायम है। 22 अप्रैल को हुए इस भीषण हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई थी, जिनमें कई पर्यटक भी शामिल थे। हमले के बाद से ही जम्मू-कश्मीर पुलिस और भारतीय सेना पूरे क्षेत्र में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चला रही है। अब तक किसी भी आतंकी को पकड़ने में सफलता नहीं मिली है, लेकिन सघन अभियान जारी है।
इसी बीच सोमवार को जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती पहलगाम पहुंचीं। इस दौरे के दौरान उन्होंने न सिर्फ शोक संतप्त परिवारों से मुलाकात की, बल्कि स्थानीय लोगों की समस्याएं भी सुनीं। साथ ही उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान इस बात का खुलासा किया कि उन्होंने कई वर्षों के अंतराल के बाद पहली बार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से सीधे बातचीत की है।
समाचार एजेंसी ANI से बातचीत करते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा,
“मैंने उन 26 लोगों की मौत पर गहरा शोक व्यक्त किया है, जिन्होंने इस बर्बर हमले में अपनी जान गंवाई। कई दिनों से हमें पहलगाम के स्थानीय युवाओं, महिलाओं और व्यापारियों की ओर से कॉल्स आ रही थीं। वे डरे हुए थे, उन्हें खतरे का अंदेशा था। इसलिए मैंने वर्षों बाद पहली बार अमित शाह से बात की। गृह मंत्री ने बहुत ही सकारात्मक रुख दिखाया और आश्वासन दिया कि स्थिति पर नियंत्रण लाया जाएगा।”
महबूबा मुफ्ती ने प्रशासनिक रवैये पर सवाल उठाते हुए कहा कि पहलगाम के स्थानीय लोगों के साथ जिस तरह का व्यवहार किया जा रहा है, वह चिंताजनक है।
“यहां सैकड़ों युवाओं को पूछताछ के नाम पर हिरासत में लिया गया है। उन्हें बिना ठोस कारणों के दिनभर थानों में रखा जाता है और शाम को छोड़ा जाता है। उन्हें ‘ओवरग्राउंड वर्कर’ या आतंकवादी मान लिया जाता है, जबकि उन्होंने इस मुश्किल समय में हरसंभव मदद की है — घायलों को अस्पताल पहुंचाया, रक्तदान किया, जान बचाई। जब कश्मीरी इतने खुले दिल से पेश आते हैं, तो देश के लोगों और प्रशासन को भी उन पर भरोसा करना चाहिए। यह सिलसिला बंद होना चाहिए।”
अपने दौरे के दौरान महबूबा मुफ्ती ने अमरनाथ यात्रा और पर्यटन से जुड़े पहलुओं पर भी ध्यान दिलाया। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यह हमला अपवाद है, और पहलगाम हमेशा से पर्यटकों के लिए एक सुरक्षित स्थान रहा है।
“मैं उन सभी पर्यटकों को सलाम करती हूं जो इन हालात में भी कश्मीर आए हैं। कश्मीर, खासकर पहलगाम, आपका इंतजार कर रहा है। अमरनाथ यात्रा से जुड़े श्रद्धालुओं का यहां हमेशा गर्मजोशी से स्वागत हुआ है। जब यहां एक बार तूफान आया था, तब स्थानीय लोगों ने यात्रियों को अपने घरों में शरण दी थी। हमले के बावजूद यहां के लोग यात्रियों को मेहमान मानते हैं और ऐसा प्यार पहले भी दिखा चुके हैं, आगे भी दिखाएंगे।” महबूबा मुफ्ती ने कहा कि वह सिर्फ सहानुभूति जताने नहीं, बल्कि जमीनी हालात को समझने और जनता की आवाज़ सरकार तक पहुंचाने आई हैं। उन्होंने अपने दौरे को “लोगों की पीड़ा को महसूस करने का प्रयास” बताया।