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सेना को मिली जवाबी कार्रवाई की आज़ादी, भारत तैयार, पाकिस्तान में डर का माहौल

 30 Apr 2025

22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बैसारन घाटी में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई, जिसे 2019 के पुलवामा हमले के बाद का सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जा रहा है। हमला बेहद सुनियोजित तरीके से किया गया और इसके पीछे पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन 'द रेजिस्टेंस फोर्स' का हाथ बताया जा रहा है। घटना के बाद आतंकवादी जंगलों की ओर भाग निकले, जबकि सुरक्षाबलों ने व्यापक सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया। इस हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव तेजी से बढ़ा है। एक तरफ भारत इस हमले को अपनी सुरक्षा के खिलाफ सीधी चुनौती मान रहा है, वहीं पाकिस्तान पर हमले की साजिश रचने का आरोप लगाया गया है।


भारत ने कड़ा रुख अपनाते हुए आतंकी हमले के खिलाफ कठोर जवाब देने की घोषणा की है। 29 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली स्थित अपने आवास पर एक उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक बुलाई, जिसमें रक्षा मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, तीनों सेनाओं के प्रमुख और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ शामिल हुए। सूत्रों के अनुसार इस बैठक में प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि भारतीय सेना को जवाबी कार्रवाई के लिए पूर्ण स्वतंत्रता दी जा रही है। सेना को यह छूट दी गई है कि वह समय, स्थान और तरीका स्वयं तय करे। इस निर्णय के बाद पूरे पाकिस्तान में हलचल मच गई है और मीडिया से लेकर राजनीतिक नेतृत्व तक इस पर गंभीर चिंता व्यक्त कर रहे हैं। पाकिस्तानी मीडिया ने भारत की इस नीति को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। प्रमुख अखबारों और चैनलों में कहा गया है कि भारत अब कभी भी पाकिस्तान पर सैन्य कार्रवाई कर सकता है।

2016 की सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 की बालाकोट एयर स्ट्राइक का हवाला देते हुए रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि भारत इस बार भी वैसी ही निर्णायक कार्रवाई की योजना बना सकता है। पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा कि पाकिस्तान कभी पहले हमला नहीं करेगा, लेकिन अगर उसकी संप्रभुता को चुनौती दी गई, तो वह जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान इस मसले को कूटनीतिक स्तर पर हल करना चाहता है, लेकिन भारत टकराव की नीति अपना रहा है। पाकिस्तान ने भारत पर झूठे आरोप लगाने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह इस मामले की निष्पक्ष अंतरराष्ट्रीय जांच के लिए तैयार है। इस बीच पाकिस्तान ने अपनी सैन्य तैयारियों को भी तेज कर दिया है। एलओसी पर अतिरिक्त सैनिक तैनात किए गए हैं और सेना को हाई अलर्ट पर रखा गया है।

रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तान के सैन्य प्रमुख और कई वरिष्ठ अधिकारियों ने अपने परिवारों को विदेश भेजना शुरू कर दिया है, जिससे युद्ध की आशंका और गहरी हो गई है। पाकिस्तानी मीडिया और सोशल मीडिया में सेना के भीतर असंतोष की खबरें भी चर्चा में हैं। कुछ रिपोर्टों के अनुसार, लगभग 500 सैनिकों ने सामूहिक इस्तीफा दिया है और सेना प्रमुख असीम मुनिर से इस्तीफे की मांग की गई है। हालांकि, पाकिस्तान सरकार और सेना की ओर से इन खबरों की पुष्टि नहीं की गई है। भारत की ओर से पहलगाम हमले में शामिल तीन संदिग्ध आतंकियों के वांटेड पोस्टर भी जारी किए गए हैं, जिनमें दो पाकिस्तानी नागरिक और एक भारतीय शामिल है। इससे भारत के दावे को और बल मिलता है कि इस हमले की योजना सीमा पार से रची गई थी। वर्तमान हालात बेहद संवेदनशील हो चुके हैं। भारत ने अपनी सेना को पूरी स्वतंत्रता देकर एक स्पष्ट संदेश दे दिया है कि अब आतंकी हमलों पर चुप्पी नहीं साधी जाएगी। पाकिस्तान की स्थिति भी राजनीतिक और सैन्य दृष्टि से जटिल हो गई है। आने वाले दिनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि भारत अपने इस सख्त रुख को किस तरह अमल में लाता है और क्या यह एक और सर्जिकल या एयर स्ट्राइक की पृष्ठभूमि बना रहा है।