समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कन्नौज के सांसद अखिलेश यादव ने राजनीति में जातिवाद को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा लगाए गए आरोपों पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा के नेताओं द्वारा समाजवादी पार्टी और खुद उनकी पार्टी पर जातिवाद की राजनीति करने का आरोप पूरी तरह से निराधार है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उस बयान पर जवाब दिया, जिसमें योगी आदित्यनाथ ने यह दावा किया था कि अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री आवास को गंगाजल से धोया गया था। अखिलेश ने इसे लेकर बीजेपी की राजनीति को आड़े हाथों लिया और कहा कि बीजेपी ही सबसे ज्यादा जातिवादी पार्टी है।
अखिलेश यादव ने इस दौरान कहा, “मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी पार्टी द्वारा हमें जातिवाद के आरोप में घेरने का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि बीजेपी खुद जातिवादी राजनीति करती है। वे जाति के आधार पर फैसले लेते हैं और उसी आधार पर अपना सारा राजनीतिक खेल खेलते हैं।” अखिलेश ने आगे यह भी कहा कि भाजपा का यह आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद है, क्योंकि समाजवादी पार्टी ने हमेशा जातिवाद के खिलाफ आवाज उठाई है और देश के सभी तबकों के लोगों को एक समान मानते हुए उनकी भलाई के लिए काम किया है।
जातिवाद पर अपनी बात रखते हुए अखिलेश ने कहा, “जातियां हमने नहीं बनाई, यह तो कोई मनु महाराज आए थे, जिन्होंने इसे बनाया। और जो काम जिसको करना था, उसने वो काम ठीक से नहीं किया। अगर जिनका जो काम था, वो करता तो हमारा देश न तो अशिक्षित होता और न ही गुलाम होता। हम मुगलों से भी गुलाम रहे और अंग्रेजों से भी गुलाम रहे। यह केवल इसलिए हुआ क्योंकि जिसको काम करना था, उसने उस समय अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई।”
अखिलेश यादव ने अमर उजाला के एक कार्यक्रम में अपने बयान को और स्पष्ट करते हुए कहा कि साल 2017 में जब वह मुख्यमंत्री थे, तब लखनऊ स्थित 5 कालिदास मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास को गंगाजल से धोने का मुद्दा उठाया गया था। उन्होंने इस बारे में विस्तार से कहा, “यहां तक कि मुख्यमंत्री आवास को गंगाजल से धोने की घटना का जिक्र करते हुए अखिलेश ने कहा कि बीजेपी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को यह भी बताना चाहिए कि उत्तर प्रदेश के इतिहास में किसी और मुख्यमंत्री आवास को कभी गंगाजल से नहीं धोया गया होगा। जब मैं वहां से बाहर हुआ, तब क्या गंगाजल से धोया गया था या नहीं, यह भी साफ किया जाए।”