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पूर्व पहलवान और सांसद विनेश फोगाट ने मांगा नकद इनाम के साथ प्लॉट, खेल विभाग उलझन में

 11 Apr 2025

हरियाणा की चर्चित महिला पहलवान और जुलाना से कांग्रेस विधायक विनेश फोगाट ने राज्य सरकार के सामने एक नई मांग रख दी है, जिससे खेल विभाग में हलचल मच गई है। ओलंपिक में तकनीकी कारणों से बाहर होने के बावजूद राज्य सरकार ने उन्हें रजत पदक विजेता के बराबर सम्मान देने का ऐलान किया था। इसके तहत सरकार ने उन्हें तीन विकल्प चार करोड़ रुपये नकद, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HSVP) द्वारा एक प्लॉट या ग्रुप ए की सरकारी नौकरी में से किसी एक को चुनने की पेशकश की थी। पहले यह खबर सामने आई थी कि फोगाट ने नकद राशि लेने का फैसला किया है, लेकिन अब उन्होंने नकद के साथ-साथ एक प्लॉट की भी मांग कर दी है, जिससे प्रशासनिक हलकों में भ्रम की स्थिति बन गई है।


द ट्रिब्यून में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, हरियाणा खेल विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यह एक असामान्य और पेचीदा स्थिति है। अधिकारी के अनुसार, "विनेश फोगाट अब एक निर्वाचित विधायक हैं, इसलिए उनके लिए ग्रुप ए की सरकारी नौकरी का विकल्प लगभग अप्रासंगिक हो गया है। इसी कारण उन्हें तीन में से एक विकल्प चुनने के लिए कहा गया था। लेकिन अब वह दो लाभ, चार करोड़ रुपये की नकद राशि और एक प्लॉट चाहती हैं, जो तय नीति के विरुद्ध है।" *

18 मार्च 2024 को पेरिस ओलंपिक में 50 किलोग्राम भारवर्ग की प्रतियोगिता के लिए अर्हता प्राप्त करने के बाद विनेश फोगाट तकनीकी गलती के कारण अयोग्य घोषित कर दी गई थीं। उनका वजन तय सीमा से मात्र 100 ग्राम अधिक पाया गया, जिससे उन्हें प्रतिस्पर्धा से बाहर कर दिया गया। इस घटनाक्रम के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने एक ट्वीट में घोषणा की थी कि राज्य सरकार विनेश को रजत पदक विजेता के रूप में सभी लाभ प्रदान करेगी। इस घोषणा के कुछ ही घंटे बाद विनेश ने औपचारिक रूप से रेसलिंग से संन्यास लेने की घोषणा कर दी। इसके बाद, 25 मार्च को सीएम सैनी ने सार्वजनिक रूप से बताया कि हरियाणा कैबिनेट ने निर्णय लिया है कि विनेश को तीन में से एक लाभ चुनने का अधिकार दिया जाएगा। 

अब तक विनेश फोगाट की ओर से इस पूरे मामले पर कोई औपचारिक बयान या स्पष्टीकरण सामने नहीं आया है। न तो उन्होंने यह स्पष्ट किया है कि उनकी मांग किस आधार पर है और न ही यह बताया है कि उन्होंने यह अनुरोध किस स्तर पर और किस प्रक्रिया से किया है। खेल से रिटायरमेंट लेने के तुरंत बाद विनेश फोगाट ने राजनीति में कदम रखा और 2024 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर जुलाना सीट से चुनाव लड़ा। उन्होंने यहां से 6,000 से अधिक मतों से जीत दर्ज की और विधायक बनीं। उनकी इस राजनीतिक सफलता को खेल में मिली लोकप्रियता और सामाजिक प्रभाव का परिणाम माना जा रहा है। यह मामला अब केवल खेल विभाग तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि यह राज्य सरकार के लिए नीति, नैतिकता और समानता के पैमाने पर एक चुनौती बनता जा रहा है। सवाल यह उठ रहा है कि क्या सरकार एक व्यक्ति को दो लाभ देने के लिए नीति में संशोधन करेगी या फिर उसे तय दिशा-निर्देशों का पालन कर एक विकल्प पर सीमित रखेगी। यदि सरकार झुकती है, तो यह एक मिसाल बनेगी जिसे भविष्य में अन्य खिलाड़ी या जनप्रतिनिधि आधार बना सकते हैं। फिलहाल, हरियाणा सरकार और खेल विभाग की नजरें विनेश फोगाट के अगले कदम और उनके संभावित स्पष्टीकरण पर टिकी हैं। साथ ही यह देखना भी रोचक होगा कि राज्य सरकार इस अनोखी परिस्थिति को कैसे संभालती है। क्या नियमों में कोई ढील दी जाएगी या उन्हें तय मापदंडों में ही सीमित रखा जाएगा। विनेश फोगाट की दोहरी मांग ने न सिर्फ खेल जगत बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मचा दी है। क्या सरकार उनकी मांग स्वीकार करेगी या उन्हें केवल एक लाभ तक सीमित रखेगी? यह फैसला आने वाले दिनों में हरियाणा सरकार की नीतिगत सख्ती और संवेदनशीलता दोनों की परीक्षा बन सकता है।