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इज़रायली राजनयिक बोले– तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण भारत की कूटनीतिक सफलता
10 Apr 2025

पश्चिम भारत में इज़रायल के महावाणिज्यदूत(Consul General) कोबी शोशानी ने मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण को भारत सरकार की "महान कूटनीतिक सफलता" बताया है। उन्होंने कहा कि 26/11 हमलों के लिए जिम्मेदार व्यक्ति को न्याय के कठघरे में लाना पीड़ित परिवारों के लिए एक महत्वपूर्ण राहत है।
समाचार एजेंसी ANI से बातचीत में शोशानी ने कहा, "मैं भारत को बधाई देता हूं। यह एक लंबी प्रक्रिया थी, लेकिन अंततः भारत की कूटनीति की यह बड़ी जीत है। राणा को भारत लाना न्याय की दिशा में एक निर्णायक कदम है। यह उन पीड़ितों और उनके परिवारों के लिए भी राहत की बात है जिन्होंने उन भयावह दिनों का दर्द सहा।"
उन्होंने आगे कहा कि आतंकवादियों या जिन पर आतंकवाद का संदेह है, उन्हें हर हाल में न्याय के दायरे में लाया जाना चाहिए। शोशानी ने कहा, "मुंबई हमले तीन दिन और रातों की वहशी त्रासदी थी, जिसे भुलाया नहीं जा सकता – नरीमन हाउस, ताजमहल होटल, लियोपोल्ड कैफे में जो कुछ हुआ, वह मानवता पर हमला था।
यह कोई जश्न नहीं, बल्कि न्याय के चक्र का समापन है
शोशानी ने साफ किया कि यह दिन किसी उत्सव का नहीं, बल्कि न्याय के अधूरे चक्र को पूरा करने का प्रतीक है। उन्होंने कहा, “यहूदी समुदाय, इज़रायल और कुछ अन्य राष्ट्रीयताओं के खिलाफ वैश्विक स्तर पर नफरत की भावना समान और गहरी है, और यही कारण है कि हम हमेशा आतंकवादी संगठनों के निशाने पर रहते हैं। उन्होंने कहा, “भारत और इज़रायल ने आतंक के खिलाफ साझा संघर्ष किया है और करते रहेंगे। यह दिन हमें याद दिलाता है कि हमें आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकजुटता की जरूरत है।”
चीन और अमेरिका के बीच चल रहे व्यापार युद्ध के संदर्भ में उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था पर भरोसा जताया। “मैं भारतीय युवाओं और उनकी ऊर्जा में गहरा विश्वास रखता हूं। भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत है और यह किसी भी वैश्विक व्यापारिक उथल-पुथल का सामना करने में सक्षम है।” पाकिस्तानी-कनाडाई नागरिक तहव्वुर राणा को लश्कर-ए-तैयबा के लिए सहायता उपलब्ध कराने का दोषी ठहराया गया है। वह 2008 के मुंबई हमलों में सह-आरोपी है, जिसमें 174 से अधिक लोग मारे गए थे। भारत सरकार ने वर्षों से उसके प्रत्यर्पण की मांग की थी। अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में उसकी याचिका खारिज करते हुए भारत प्रत्यर्पण का रास्ता साफ कर दिया। तहव्वुर राणा और डेविड कोलमैन हेडली को अमेरिका में गिरफ्तार किया गया था। राणा को भारत लाए जाने के बाद एनआईए की कस्टडी में रखा जाएगा और उस पर भारतीय अदालतों में मुकदमा चलाया जाएगा।