जम्मू-कश्मीर के उधमपुर ज़िले में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच ताज़ा मुठभेड़ की सूचना सामने आई है। जानकारी के अनुसार, यह मुठभेड़ रामनगर थाना क्षेत्र के जोफर गांव में उस समय शुरू हुई जब जम्मू-कश्मीर पुलिस, सेना और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने इलाके में आतंकियों की मौजूदगी की सूचना के बाद तलाशी अभियान चलाया।
जैसे ही सुरक्षा बल इलाके में पहुंचे, छिपे हुए आतंकियों ने उन पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। अनुमान है कि गांव में 2 से 3 आतंकी छिपे हो सकते हैं। सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर ली है और दोनों ओर से गोलीबारी जारी है। पुलिस ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर इस मुठभेड़ की पुष्टि करते हुए बताया, “रामनगर के जोफर गांव में तलाशी अभियान के दौरान तीन आतंकियों से मुठभेड़ जारी है। सुरक्षाबलों ने इलाके को चारों ओर से घेर लिया है और ऑपरेशन जारी है।”
यह मुठभेड़ उस सतत अभियान का हिस्सा है जो सुरक्षा बलों ने कठुआ जिले में 24 मार्च को एक आतंकी घुसपैठ के बाद शुरू किया था। तब से अब तक क्षेत्र में तीन बड़ी मुठभेड़ें हो चुकी हैं। 27 मार्च को इसी ऑपरेशन के दौरान दो आतंकवादी मारे गए थे, जबकि चार पुलिसकर्मियों ने अपनी जान गंवाई थी।
पुलिस और खुफिया एजेंसियों का कहना है कि आतंकी एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में छिपते-छिपाते घूम रहे हैं, और सुरक्षाबल लगातार उनकी गतिविधियों पर नजर बनाए हुए हैं।
घटनाओं की इसी कड़ी में सेना ने डोडा जिले और चेनाब घाटी के घने वन क्षेत्रों में निगरानी बढ़ा दी है। अधिकारियों का कहना है कि बर्फबारी के बाद अब पहाड़ी दर्रे खुलने लगे हैं, जिससे आतंकियों के लिए घुसपैठ करना आसान हो सकता है। इस खतरे को भांपते हुए सेना ने भद्रवाह घाटी के ऊंचाई वाले इलाकों में गश्त और हवाई निगरानी को तेज कर दिया है।
सूत्रों के अनुसार, पिछले एक वर्ष में पाकिस्तान से आए आतंकवादी कठुआ जिले के रास्ते उधमपुर, डोडा और किश्तवाड़ जैसे इलाकों में प्रवेश करने में सफल हुए हैं। कठुआ अब आतंकियों के लिए एक प्रमुख घुसपैठ मार्ग के रूप में सामने आया है, जिसे लेकर सुरक्षा एजेंसियां गंभीर रूप से सतर्क हैं। सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस का कहना है कि वे किसी भी संभावित खतरे को नाकाम करने के लिए हर संभव कदम उठा रहे हैं। स्थानीय लोगों से अपील की गई है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना पुलिस को दें और सुरक्षा बलों के ऑपरेशन में सहयोग करें।