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'यह तो शुरुआत है' — वक्फ बिल पर राहुल गांधी ने फिर साधा मोदी सरकार पर निशाना

 05 Apr 2025

वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 को हाल ही में संसद के दोनों सदनों—लोकसभा और राज्यसभा—से मंजूरी मिल चुकी है। जहां केंद्र सरकार इस विधेयक को पारदर्शिता और न्याय के लिए एक अहम कदम बता रही है, वहीं कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल इसे मुसलमानों के अधिकारों पर हमला करार दे रहे हैं। इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार पर सीधा हमला बोला है और इस कानून को लेकर गंभीर आशंका जताई है।


राहुल गांधी का आरोप: ‘यह सिर्फ शुरुआत है’

राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में लिखा, “मैंने पहले ही कहा था कि वक्फ बिल सिर्फ मुसलमानों को नहीं, बल्कि बाकी धर्मों को भी निशाना बनाने का रास्ता खोल सकता है। अब आरएसएस ने ईसाई समुदाय की ओर भी ध्यान देना शुरू कर दिया है।” उन्होंने आगे कहा कि भारत का संविधान ही ऐसा है जो इन ‘हमलों’ से नागरिकों को सुरक्षा देता है और इसे बचाना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है।

इससे पहले भी राहुल गांधी ने इस विधेयक की आलोचना करते हुए इसे मुसलमानों की धार्मिक स्वतंत्रता और संपत्ति पर सीधा हमला बताया था। उन्होंने कहा, “यह बिल न सिर्फ मुस्लिम समुदाय को कमजोर करने की साजिश है, बल्कि संविधान के अनुच्छेद 25 में दिए गए धार्मिक अधिकारों पर भी हमला करता है।” राहुल गांधी ने अपने बयान में यह भी जोड़ा कि कांग्रेस पार्टी इस विधेयक का पूरी ताकत से विरोध करेगी क्योंकि यह भारत की धार्मिक विविधता, लोकतंत्र और सामाजिक एकता के खिलाफ है। उनके अनुसार, इस कानून के ज़रिए मुसलमानों की धार्मिक संस्थाओं की संपत्तियों को नियंत्रित करने की कोशिश की जा रही है, जो लोकतांत्रिक और संवैधानिक मूल्यों का उल्लंघन है।

दूसरी ओर, केंद्र सरकार का कहना है कि वक्फ संशोधन विधेयक का उद्देश्य पारदर्शिता बढ़ाना, संपत्ति विवादों को कम करना और गरीब व पिछड़े तबकों को वाजिब हक दिलाना है। सरकार का दावा है कि इससे केवल कुछ प्रभावशाली लोगों की मनमानी पर रोक लगेगी और धार्मिक संस्थाओं की ज़मीनों का सही उपयोग हो सकेगा।