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"अमेरिका ने हमला किया तो ईरान बनाएगा परमाणु बम" – खामेनेई के सहयोगी की कड़ी चेतावनी

 28 Aug 2025

संयुक्त राज्य अमेरिका और ईरान के बीच तनाव एक बार फिर चरम पर पहुंच गया है। हाल ही में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर बमबारी करने की धमकी दी थी, जिसके बाद अब ईरान की ओर से तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है। ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामेनेई के सलाहकार अली लारीजानी ने सोमवार (31 मार्च) को स्पष्ट शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि यदि अमेरिका या उसके सहयोगी देशों ने ईरान पर हमला करने की हिमाकत की, तो ईरान को अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए परमाणु हथियार हासिल करने की दिशा में कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

NBC न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार (29 मार्च) को एक बयान में कहा था कि यदि ईरान अमेरिका के साथ नया परमाणु समझौता नहीं करता, तो अमेरिका उसके खिलाफ सैन्य कार्रवाई कर सकता है। ट्रंप ने न केवल ईरान पर बमबारी करने की धमकी दी, बल्कि उस पर सेकेंड्री टैरिफ के तहत सख्त आर्थिक प्रतिबंध लगाने की चेतावनी भी दी। इसके जवाब में, ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई ने अमेरिका को आगाह करते हुए कहा कि यदि ईरान पर हमला हुआ, तो वह भी जोरदार पलटवार करेगा।

ईरान के परमाणु हथियार हासिल करने की चेतावनी


ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई के सलाहकार अली लारीजानी ने सरकारी टेलीविजन चैनल पर प्रसारित एक बयान में कहा, "हमारा देश परमाणु हथियारों की दौड़ में शामिल नहीं होना चाहता, लेकिन अगर अमेरिका या उसके सहयोगी देशों ने हमारे खिलाफ कोई आक्रामक कदम उठाया, तो हमारी सुरक्षा प्राथमिकता बन जाएगी और हमें परमाणु हथियार विकसित करने की ओर बढ़ना ही पड़ेगा।" उन्होंने आगे कहा, "ईरान का उद्देश्य क्षेत्र में शांति बनाए रखना है, लेकिन यदि हमें अपनी संप्रभुता और राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा के लिए कठोर कदम उठाने पड़ते हैं, तो हम पीछे नहीं हटेंगे। यदि अमेरिका या इजरायल ने ईरान पर बमबारी की, तो वे हमें पूरी तरह से अलग रणनीति अपनाने के लिए मजबूर कर देंगे।"

अब तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि डोनाल्ड ट्रंप ने यह धमकी सीधे वाशिंगटन की ओर से दी थी या फिर उन्होंने ईरान के दुश्मन देश इजरायल के साथ मिलकर सैन्य कार्रवाई की योजना बनाई है। हाल के वर्षों में, इजरायल और ईरान के बीच संबंध लगातार बिगड़ते गए हैं और दोनों देश एक-दूसरे पर हमलों के आरोप लगाते रहे हैं। इजरायल पहले भी ईरान के परमाणु ठिकानों को निशाना बनाने की बात कर चुका है। ऐसे में अगर अमेरिका और इजरायल मिलकर कोई सैन्य कार्रवाई करते हैं, तो यह पश्चिम एशिया में बड़े संघर्ष का रूप ले सकता है।

ईरान और अमेरिका के बीच परमाणु कार्यक्रम को लेकर लंबे समय से टकराव चला आ रहा है। 2015 में बराक ओबामा के कार्यकाल के दौरान अमेरिका और अन्य वैश्विक शक्तियों ने ईरान के साथ एक परमाणु समझौता (JCPOA) किया था, जिसके तहत ईरान को अपने परमाणु कार्यक्रम को सीमित करना था और इसके बदले उसे प्रतिबंधों में राहत दी गई थी। लेकिन 2018 में राष्ट्रपति ट्रंप ने इस समझौते से अमेरिका को बाहर कर दिया और ईरान पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए। इसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है।

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