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"हम हकीकत से वाकिफ हैं" – किसान आंदोलन पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी

 02 Sep 2025

सुप्रीम कोर्ट में किसान आंदोलन को लेकर जारी सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार ने जानकारी दी कि 4 महीने 11 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने अनशन समाप्त कर दिया है। डल्लेवाल पिछले साल नवंबर से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की मांग को लेकर अनशन पर थे। केंद्र सरकार के साथ कई दौर की वार्ता विफल रहने के बाद पंजाब सरकार ने 19 मार्च को पंजाब-हरियाणा बॉर्डर के शंभू और खनौरी में डटे किसानों को बलपूर्वक हटा दिया था।


सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि अब प्रदर्शनकारी किसान पूरी तरह हट चुके हैं और सभी हाईवे खुल गए हैं, जिससे यातायात सामान्य हो गया है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने संतोष जताते हुए किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की प्रशंसा की और कहा कि वे एक सच्चे किसान हैं, जिनका कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह आंदोलन की वास्तविकता से पूरी तरह अवगत है। अदालत ने यह भी कहा कि कुछ लोग किसानों की समस्याओं का हल नहीं चाहते हैं, जिससे आंदोलन लंबे समय तक जारी रहता है।

पंजाब और हरियाणा से मांगी रिपोर्ट


सर्वोच्च न्यायालय ने पंजाब और हरियाणा सरकारों को निर्देश दिया कि वे आंदोलन के बाद की स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करें। अदालत ने स्पष्ट किया कि हाईवे को जाम नहीं किया जा सकता क्योंकि वे देश की जीवनरेखा हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईवे बंद होने से जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश तक का परिवहन बुरी तरह प्रभावित हो रहा था। इसके साथ ही अदालत ने पंजाब के डीजीपी और चीफ सेक्रेटरी के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई बंद कर दी।

पंजाब किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी के नेता सरवन सिंह पंढेर, जिन्हें हाल ही में मुक्तसर साहिब जेल से रिहा किया गया, ने कहा कि उनका आंदोलन अभी खत्म नहीं हुआ है। उन्होंने पंजाब सरकार पर निशाना साधते हुए पूछा कि "जब विरोध केंद्र सरकार के खिलाफ था, तो पंजाब सरकार को किसानों के खिलाफ कार्रवाई करने की क्या मजबूरी थी?" उन्होंने सरकार से किसानों के ट्रैक्टर, टेंट और अन्य सामान को हुए नुकसान की भरपाई करने की मांग की और ऐलान किया कि आंदोलन जारी रहेगा।

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