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हाईकोर्ट का फैसला: बीपीएससी 70वीं प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम नहीं बदलेगा

 02 Sep 2025

बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को लेकर दायर याचिका को पटना हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। इसके साथ ही आयोग द्वारा जारी किया गया परीक्षा परिणाम अब पूरी तरह प्रभावी रहेगा। इससे पहले, आयोग ने परीक्षा परिणाम जारी करते हुए कुछ शर्तें जोड़ी थीं, जिसमें कहा गया था कि पटना हाईकोर्ट में दायर याचिका (CWIC- 369/2025) के आदेश के आधार पर परीक्षा परिणाम प्रभावित हो सकता है। साथ ही, जिन अभ्यर्थियों को आयोग ने प्रतिबंधित (Debarred) किया था या भविष्य में प्रतिबंधित किया जाना था, उनकी पात्रता भी प्रभावित होने की बात कही गई थी। लेकिन अब हाईकोर्ट के फैसले के बाद ये सभी शर्तें निरस्त हो गई हैं और रिजल्ट पहले की तरह मान्य रहेगा।


परीक्षा में विवाद और आंदोलन की पृष्ठभूमि


बीपीएससी की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा विवादों में तब आई जब पटना के एक परीक्षा केंद्र की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। इन तस्वीरों के सामने आने के बाद परीक्षा में गड़बड़ी के आरोप लगाए जाने लगे, जिससे छात्रों में असंतोष बढ़ा। हालांकि, आयोग ने विवादित परीक्षा केंद्र पर पुनर्परीक्षा आयोजित करवाई, लेकिन असंतोष शांत नहीं हुआ। अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि परीक्षा केंद्रों पर प्रश्नपत्र देर से दिए गए, कुछ स्थानों पर प्रश्नपत्रों की संख्या सही नहीं थी, तो कहीं उत्तर पुस्तिकाओं को जबरन छीना गया। इन आरोपों के साथ परीक्षा में पेपर लीक का मुद्दा भी जोड़ा गया और धीरे-धीरे यह आंदोलन तेज होता गया। पहले यह विरोध परीक्षार्थियों तक सीमित था, लेकिन फिर इसमें राजनीतिक दलों के नेता भी शामिल हो गए।

राजनीतिक दलों की एंट्री से बढ़ा मामला


सबसे पहले इस मामले को विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने उठाया। इसके बाद निर्दलीय सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव भी आंदोलन में कूद पड़े। लेकिन आंदोलन को बड़ा बनाने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका जन सुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर की रही। उन्होंने न केवल इस आंदोलन को नेतृत्व दिया, बल्कि लंबी भूख हड़ताल कर सरकार पर दबाव भी बनाया। इसके अलावा, उन्होंने परीक्षार्थियों की ओर से पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर करवाई, जो इस पूरे विवाद का कानूनी आधार बनी। राजनीतिक हस्तक्षेप यहीं नहीं रुका। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी भी जब पटना दौरे पर आए, तो उन्होंने आंदोलनकारी परीक्षार्थियों का समर्थन किया। इस दौरान दो बार पुलिस और आंदोलनकारियों के बीच झड़पें भी हुईं, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई। इसके बाद कई कोचिंग संचालकों पर प्राथमिकी भी दर्ज की गई।

पटना हाईकोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए किसी भी तरह की अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया और परीक्षा परिणाम को बरकरार रखा। इसके साथ ही, बीपीएससी द्वारा जारी किए गए परिणाम पर लगाए गए शर्तों का भी अब कोई प्रभाव नहीं रहेगा। कोर्ट के इस फैसले से उन अभ्यर्थियों को राहत मिली है, जिनका नाम पहले से जारी रिजल्ट में शामिल था। वहीं, आंदोलन करने वाले अभ्यर्थियों और उनके समर्थन में खड़े नेताओं के लिए यह एक बड़ा झटका है। 2/2