यूपी में फाइनल हुई नमाज़ अदा करने की जग़ह, सार्वजनिक जगह, चौराहा, सड़क पर नहीं है इजाज़त
03 Sep 2025
उत्तर प्रदेश में ईद से ठीक पहले होने वाली जुमे की आखिरी नमाज, जिसे अलविदा नमाज के नाम से जाना जाता है, को पूरी शांति और सुचारु रूप से संपन्न कराने के लिए राज्य की पुलिस ने व्यापक स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसके तहत सभी थानों में शांति समिति की विशेष बैठकें आयोजित की गई हैं, जिनमें मुस्लिम समुदाय के लोगों के साथ विस्तृत चर्चा कर इस आयोजन को सफल बनाने की योजना बनाई गई है। पुलिस ने यह सुनिश्चित करने के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं कि नमाज के दौरान किसी भी व्यक्ति को कोई असुविधा या परेशानी न हो। इसके लिए यह जोर देकर कहा गया है कि नमाज केवल मस्जिदों, ईदगाहों और इसके लिए पहले से निर्धारित स्थानों पर ही अदा की जानी चाहिए।
घरों की छतों पर नमाज पढ़ने की अनुमति दी गई है और इस पर किसी भी तरह की कोई रोक नहीं लगाई गई है। हालांकि, सड़कों, चौक-चौराहों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर नमाज अदा करने की सख्त मनाही है।
पुलिस का मानना है कि सार्वजनिक स्थानों पर नमाज पढ़ने से कानून और व्यवस्था में गंभीर व्यवधान पैदा हो सकता है, जिसके चलते ऐसी स्थिति में लोगों को पहले समझाया जाएगा, फिर रोका जाएगा और यदि जरूरत पड़ी तो उनके खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है। उत्तर प्रदेश पुलिस के शीर्ष अधिकारियों ने इस बात को स्पष्ट रूप से दोहराया है कि घरों की छतों पर नमाज अदा करने पर कोई पाबंदी नहीं है और शासन के स्तर पर ऐसा कोई भी सख्त आदेश या निर्देश जारी नहीं किया गया है। दूसरी ओर, सड़कों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर नमाज अदा करने की रोक पहले से चली आ रही व्यवस्था का हिस्सा है, जिसे सख्ती से लागू किया जाएगा।
हाल ही में संभल जिला, जो संवेदनशील क्षेत्र के रूप में सामने आया है, वहां एक पुलिस अधिकारी ने यह बयान दिया था कि घरों की छतों पर नमाज नहीं पढ़ी जानी चाहिए। इस बयान के बाद जब विरोध और नाराजगी के स्वर उठने लगे, तो संबंधित अधिकारी ने तुरंत सफाई पेश की। उन्होंने कहा कि यह सुझाव केवल जर्जर और पुराने मकानों की छतों के लिए दिया गया था, ताकि वहां जरूरत से ज्यादा लोगों के जुटने से कोई अनहोनी या हादसा न हो और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
इस साल भारत में रमजान का पवित्र महीना 1 मार्च को चांद के दिखाई देने के बाद 2 मार्च से शुरू हुआ था। पिछले एक महीने से देश भर में रोजे रखे जा रहे हैं और इफ्तार का आयोजन हो रहा है। अब रमजान के समापन के बाद ईद का चांद नजर आने की स्थिति पर निर्भर करते हुए भारत में 31 मार्च या 1 अप्रैल को ईद-उल-फित्र मनाए जाने की संभावना जताई जा रही है।
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