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Bihar: कन्हैया कुमार के दौरे के बाद मंदिर धुलने पर विवाद, कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने

 03 Sep 2025

बिहार के सहरसा जिले में कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार के दौरे के बाद देवी दुर्गा मंदिर को कथित रूप से धोने की घटना ने गुरुवार को विवाद खड़ा कर दिया। इस घटना पर कांग्रेस ने सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या अब गैर-भाजपा दलों के समर्थकों के साथ अछूतों जैसा व्यवहार किया जाएगा? वहीं, भाजपा ने इसे कन्हैया कुमार की राजनीति के प्रति जनता की अस्वीकृति करार दिया। यह घटना बनगांव गांव के देवी दुर्गा मंदिर में हुई, जहां कन्हैया कुमार अपनी चल रही ‘पलायन रोको, नौकरी दो’ यात्रा के तहत पहुंचे थे। उन्होंने मंदिर परिसर से ही लोगों को संबोधित किया। बाद में एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें कुछ लोगों को कथित तौर पर मंदिर को धोते हुए देखा गया। इस वीडियो के सामने आने के बाद राजनीतिक विवाद और गहरा गया।


कांग्रेस ने साधा निशाना, उठाए गंभीर सवाल


हालांकि, कन्हैया कुमार ने इस विवाद पर कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन कांग्रेस प्रवक्ता ज्ञान रंजन गुप्ता ने इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "हम जानना चाहते हैं कि क्या सिर्फ़ आरएसएस और बीजेपी समर्थक ही धार्मिक हो सकते हैं, और बाकी लोग अछूत हैं? इस कृत्य ने भगवान परशुराम के वंशजों का अपमान किया है। क्या अब हम एक नए अति-संस्कृतिकरण के दौर में प्रवेश कर चुके हैं, जहां गैर-बीजेपी दलों और उनके समर्थकों को अछूत माना जाएगा?"

भाजपा प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा, "सबसे पहले यह सत्यापित किया जाना चाहिए कि मंदिर को धोने वाले लोग कौन थे। अगर यह सच है कि कन्हैया कुमार के दौरे के बाद मंदिर को धोया गया, तो इसका मतलब यह है कि यह कन्हैया कुमार की राजनीति की अस्वीकृति को दर्शाता है।"

स्थानीय निवासियों की राय, क्या कुछ लोगों की शरारत थी?


वहीं, बनगांव गांव के कुछ निवासियों ने इस घटना को अधिक तूल न देने की बात कही। गांव के एक बुजुर्ग निवासी ने कहा, "हमारे मंदिर में सभी जाति और समुदायों के लोगों को प्रवेश की अनुमति है। यह घटना कुछ शरारती तत्वों की हरकत हो सकती है।" गौरतलब है कि कन्हैया कुमार भूमिहार समुदाय से आते हैं और उनकी ‘पलायन रोको, नौकरी दो’ यात्रा का पहला चरण 16 मार्च को पश्चिम चंपारण से शुरू हुआ था, जो 31 मार्च को किशनगंज में समाप्त होगा।

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