उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के एक गांव में महात्मा गांधी और बी.आर. आंबेडकर की मूर्तियों की स्थापना को लेकर जातिगत तनाव गहरा गया है। शेखूपुर सतकुना गांव के नवनिर्मित पार्क में मूर्ति स्थापना को लेकर उच्च जाति, ओबीसी और दलित समुदायों के बीच टकराव बढ़ गया, जिसके चलते पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 14 मार्च को गांव के पार्क में गांधी जी की प्रतिमा लगाने की योजना थी। इसके लिए ऊंची जातियों और ओबीसी समुदाय के लोगों ने ग्राम पंचायत से अनुमति भी ले रखी थी।
लेकिन, 13 मार्च की रात को भीम आर्मी से जुड़े कुछ दलित युवकों ने गुपचुप तरीके से आंबेडकर की मूर्ति स्थापित कर दी। जब सुबह इस बात की जानकारी ऊंची जातियों और ओबीसी समुदाय के लोगों को मिली तो वे नाराज हो गए और विरोध करने लगे। इस दौरान दोनों पक्षों में झड़प हो गई, जिससे गांव में तनाव की स्थिति पैदा हो गई। हालात बिगड़ते देख पुलिस ने मौके पर पहुंचकर लाठीचार्ज किया और भीड़ को तितर-बितर किया।
पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया
अलीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) संजीव सुमन ने बताया कि बिना सरकारी अनुमति के किसी भी सार्वजनिक स्थल पर मूर्ति स्थापित करना नियमों के खिलाफ है। प्रशासन ने दलित समुदाय के लोगों को समझाने के बाद आंबेडकर की मूर्ति को हटवा दिया, हालांकि शुरुआती विरोध के बाद ही वे इसके लिए राजी हुए।
एसएसपी संजीव सुमन ने आगे कहा, "गांव में फिलहाल शांति व्यवस्था कायम है और सुरक्षा बल तैनात कर दिए गए हैं। हम उन लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे जो माहौल बिगाड़ने की कोशिश करेंगे।"
गांव के कुछ स्थानीय लोगों का कहना है कि शुरुआत में सभी ने गांधी जी की मूर्ति लगाने पर सहमति जताई थी, लेकिन बाहरी तत्वों ने आंबेडकर की मूर्ति स्थापित कर विवाद खड़ा कर दिया।
एक ग्रामीण ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, "गांधी जी के समर्थकों ने दो आंबेडकर समर्थकों पर हमला किया, जिससे वे घायल हो गए। दोनों पक्षों के सैकड़ों लोग आमने-सामने थे और स्थिति तभी काबू में आई जब पुलिस ने लाठीचार्ज किया। हालांकि, इलाके में अभी भी तनाव बना हुआ है।"
पंचायत की मुखिया शारदा देवी, जिनके घर पर फिलहाल प्रशासन ने आंबेडकर की मूर्ति सुरक्षित रखी है, ने बताया कि गांव में गांधी जी की मूर्ति लगाने पर पहले सहमति बनी थी, लेकिन पड़ोसी गांवों के कुछ असामाजिक तत्वों ने माहौल बिगाड़ने की कोशिश की। पुलिस और प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन गांव में अभी भी तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। प्रशासन का कहना है कि इलाके में पुलिस बल की तैनाती जारी रहेगी और किसी भी तरह की अशांति फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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