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CM योगी ने इस्लामी आक्रमण के नाम पर ‘इतिहास’ को फिर खोदा, संभल के वज़ूद को लेकर खड़े किए सवाल

 15 Sep 2025

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि संभल का उल्लेख इस्लाम के आगमन से बहुत पहले के धार्मिक ग्रंथों में किया गया है। उन्होंने इस तथ्य का हवाला देते हुए कहा कि 1526 में श्री हरि विष्णु मंदिर को संभल में तोड़कर नष्ट कर दिया गया था, जो एक ऐतिहासिक घटना थी। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि संभल का उल्लेख 5000 साल पुराने धार्मिक ग्रंथों में किया गया है, जिनमें भगवान विष्णु के भावी अवतार का वर्णन किया गया है। यह स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि इस्लाम का उदय केवल 1,400 साल पहले हुआ, जबकि वह घटनाएँ जिनका वे जिक्र कर रहे हैं, कम से कम 2,000 साल पुरानी हैं, और इसके प्रमाण सैकड़ों सालों से मौजूद हैं।


मुख्यमंत्री ने इस्लामी आक्रमण के इतिहास को याद करते हुए कहा कि 1526 में संभल में भगवान विष्णु का मंदिर नष्ट किया गया और फिर 1528 में अयोध्या में राम मंदिर को भी तोड़ा गया। उन्होंने यह भी जोड़ा कि इन दोनों कृत्यों को एक ही व्यक्ति ने अंजाम दिया था। ये बयान उन्होंने लखनऊ में आरएसएस से जुड़ी साप्ताहिक पत्रिका 'ऑर्गनाइजर' के कार्यक्रम 'मंथन: कुंभ और उसके आगे' में दिया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि हर धर्म और पूजा पद्धति में अच्छे गुण होते हैं, और किसी भी व्यक्ति की आस्था को जबरदस्ती छीनना और उसकी धार्मिक मान्यताओं का अपमान करना बिल्कुल अस्वीकार्य है, खासकर जब हम समझते हैं कि संभल एक ऐतिहासिक सत्य को दर्शाता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जोर देकर कहा कि उन्होंने हमेशा संभल के ऐतिहासिक तथ्यों पर खुलकर बात की है। यह स्थान हमारे इतिहास और धार्मिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह हर धर्म और समुदाय का सम्मान करते हैं।

 गोरखनाथ पीठ का उदाहरण देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि वहां हर जाति, संप्रदाय, और समुदाय के लोग बिना किसी भेदभाव के एक साथ बैठकर भोजन करते हैं। गोरखनाथ पीठ में यह परंपरा है कि सभी को समान सम्मान दिया जाता है, चाहे वे किसी भी धर्म, जाति या समुदाय से संबंधित हों। योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा कि भारत की प्राचीन वैदिक परंपरा की भावना हमारे अंदर गहरे रूप से समाहित है। जैसे उपनिषदों में व्यक्त किया गया है, वैसा ही विचार हमारे समाज में है। उन्होंने यह भी कहा कि पूजा की हर पद्धति, चाहे वह सनातन धर्म से जुड़ी हो या अन्य किसी धर्म से, उसमें कुछ अंतर्निहित अच्छाइयां होती हैं। यही कारण है कि लाखों लोग विभिन्न पूजा पद्धतियों का पालन करते हैं और उसे स्वीकार करते हैं।

 मुख्यमंत्री ने विपक्षी दलों और आलोचकों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि इन लोगों को पहले धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन करना चाहिए, और उसके बाद ही मुझसे बहस करने का साहस करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग धार्मिक और सांस्कृतिक मुद्दों पर चर्चा करना चाहते हैं, उन्हें अपने ज्ञान को विस्तार से बढ़ाने की आवश्यकता है, ताकि वे विषय पर सही तरीके से चर्चा कर सकें और उन पर आरोप न लगाए जाएं। मुख्यमंत्री ने भारत की समृद्ध संस्कृति और धार्मिक विविधता की महत्ता को भी रेखांकित किया, और यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया कि हमारे इतिहास और धार्मिक पहचान को हमेशा सम्मानित किया जाए। उन्होंने कहा कि यही भारतीयता की सच्ची पहचान है, जिसमें हर धर्म, पंथ और समुदाय का सम्मान किया जाता है।

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