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अमृतपाल सिंह को मिली राहत, केंद्र ने हाईकोर्ट में बताया— लोकसभा से 54 दिन की छुट्टी स्वीकृत

 15 Sep 2025

केंद्र सरकार ने बुधवार को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय को सूचित किया कि असम के डिब्रूगढ़ जेल में बंद खडूर साहिब के सांसद अमृतपाल सिंह को लोकसभा से 54 दिनों की छुट्टी दे दी गई है। संसदीय समिति द्वारा उनकी छुट्टी को मंजूरी मिलने के बाद अब उनकी सदस्यता पर कोई संकट नहीं है। भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल सत्यपाल जैन ने मुख्य न्यायाधीश शील नागू और न्यायमूर्ति सुमित गोयल की खंडपीठ को बताया कि इस विषय पर विचार करने वाली समिति ने मंगलवार को अमृतपाल सिंह समेत चार सांसदों की छुट्टी को स्वीकृति दी है। लोकसभा सचिवालय ने भी इसकी पुष्टि की है। जैन ने अदालत में संबंधित आधिकारिक पत्र की प्रति प्रस्तुत करते हुए कहा कि इस फैसले के बाद अब उनकी लोकसभा सदस्यता पर कोई खतरा नहीं है।


याचिका वापस ली


सुनवाई के बाद, मामले से जुड़े एक अन्य वकील धीरज जैन ने बताया कि अमृतपाल सिंह ने संसद में उपस्थिति की अपनी दूसरी मांग को लेकर दायर याचिका वापस ले ली है। अमृतपाल सिंह ने 21 फरवरी को उच्च न्यायालय का रुख करते हुए अधिकारियों को निर्देश देने की मांग की थी कि उन्हें संसद के बजट सत्र में भाग लेने की अनुमति दी जाए। उनका तर्क था कि अगर कोई सांसद लगातार 60 दिनों तक संसद की कार्यवाही से अनुपस्थित रहता है, तो उसकी सदस्यता समाप्त हो सकती है।

लोकसभा सचिवालय के अनुसार, अमृतपाल सिंह 12 दिसंबर 2024 तक कुल 46 दिनों तक संसद की कार्यवाही में अनुपस्थित रहे थे। उन्होंने अदालत को बताया था कि अब केवल छह दिन शेष हैं। उनकी याचिका में आरोप लगाया गया कि सरकार उन्हें जानबूझकर संसद में जाने से रोक रही है ताकि उनके संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व प्रभावित हो। उन्होंने कहा कि उन्हें जबरन हिरासत में रखा गया है और उनकी इच्छा के बावजूद संसद जाने की अनुमति नहीं दी गई। याचिका में उन्होंने बारामुल्ला से सांसद इंजीनियर राशिद का भी हवाला दिया, जिन्हें गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत तिहाड़ जेल में रखा गया है, लेकिन पिछले महीने उन्हें दो दिनों के लिए लोकसभा में शामिल होने की अनुमति दी गई थी।

अमृतपाल सिंह ने खडूर साहिब लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में 1.9 लाख मतों से जीत हासिल की थी। 5 जुलाई 2024 को उन्होंने सांसद पद की शपथ ली, लेकिन तब से वे संसद नहीं जा सके। 23 अप्रैल 2023 को, एक महीने तक चली तलाशी अभियान के बाद उन्हें नौ अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया गया था। 18 मार्च 2023 को उनके संगठन "वारिस पंजाब डे" पर कार्रवाई के बाद उन्हें हिरासत में लिया गया। अप्रैल 2024 में, पंजाब सरकार ने उनके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) फिर से लागू कर दिया था।

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