Article

"राज्य की आर्थिक मजबूरी, मुफ्त बिजली नहीं दे सकते – जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला"

 15 Sep 2025

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने विधानसभा में स्पष्ट किया कि सरकार के पास इतनी आर्थिक क्षमता नहीं है कि वह सभी नागरिकों को मुफ्त बिजली उपलब्ध करा सके। उन्होंने कहा कि मौजूदा बजट में भी 24 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने का कोई प्रावधान नहीं है। सीएम उमर ने राज्य की आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए कहा कि फिलहाल कोई नया बिजली परियोजना शुरू करना संभव नहीं है। ऐसे में बिजली कटौती सरकार की मजबूरी है, न कि उसकी विफलता। उन्होंने यह भी कहा कि यह बजट व्यावहारिकता को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है, न कि किसी को खुश करने के लिए लोकलुभावन वादों से भरा गया है।


 उमर अब्दुल्ला ने विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यदि सरकार के पास पर्याप्त संसाधन होते, तो राज्य खुद अपनी बिजली परियोजनाओं में निवेश कर सकता था। लेकिन मौजूदा स्थिति में प्रदेश को अपने सीमित संसाधनों के अनुसार ही कार्य करना पड़ रहा है। सामाजिक योजनाओं के लिए भी बजट में सीमित राशि आवंटित की गई है ताकि महंगाई का अतिरिक्त बोझ आम जनता पर न पड़े।

केंद्र पर निर्भरता और विपक्ष की राजनीति


मुख्यमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को केंद्र सरकार से वित्तीय सहायता मिलती है, जिस पर विपक्ष अक्सर सवाल उठाता है। उन्होंने तर्क दिया कि जब भाजपा की सरकार थी, तब भी राज्य को केंद्र से आर्थिक मदद मिलती थी। यह कोई नई बात नहीं है, क्योंकि जम्मू-कश्मीर की वित्तीय स्थिति हमेशा से केंद्र पर निर्भर रही है। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनावी घोषणापत्र में नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) ने गरीब परिवारों को 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने का वादा किया था और सरकार ने इसे पूरा भी किया। लेकिन अब विपक्ष इस मुद्दे पर राजनीति कर रहा है और सवाल उठा रहा है कि यह सुविधा सभी को क्यों नहीं दी जा रही। उमर ने स्पष्ट किया कि सरकार अपनी वित्तीय सीमाओं को ध्यान में रखते हुए चरणबद्ध तरीके से फैसले ले रही है और सभी वादों को पूरा करने की दिशा में काम कर रही है।

बजट पर चर्चा के दौरान उमर अब्दुल्ला ने विपक्षी नेताओं की भूमिका पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि कुछ विधायक बजट के गंभीर मुद्दों की बजाय अन्य विषयों पर अधिक ध्यान दे रहे हैं। अपने भाषण को दिलचस्प अंदाज में पेश करते हुए उन्होंने इसे एक ‘लव लेटर’ करार दिया और कहा कि यह केवल भाजपा के लिए ही नहीं, बल्कि सभी राजनीतिक दलों और जनता के लिए भी है। उन्होंने वादा किया कि आने वाले वर्षों में भी प्रदेश के लोगों को ऐसे ही ‘लव लेटर’ मिलते रहेंगे।

Read This Also:- Jammu and Kashmir: आतंक की साजिश नाकाम, NIA ने 12 ठिकानों पर की छापेमारी