संसद के बजट सत्र 2025 का दूसरा चरण 10 मार्च से शुरू हो चुका है और पहले ही दिन संसद के दोनों सदनों – लोकसभा और राज्यसभा में जबरदस्त हंगामा देखने को मिला। जहां लोकसभा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) और त्रिभाषा नीति को लेकर विपक्षी दलों और सरकार के बीच तीखी नोकझोंक हुई, वहीं राज्यसभा में विपक्षी सांसदों ने डिप्टी स्पीकर द्वारा स्थगन प्रस्ताव खारिज किए जाने के बाद सदन से वॉकआउट कर दिया। बजट सत्र के इस दूसरे चरण में केंद्र सरकार ने कई अहम विधेयकों को पारित कराने का लक्ष्य तय किया है। इनमें वक्फ संशोधन बिल, इमीग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल 2025, और न्यू इनकम टैक्स बिल 2025 प्रमुख हैं। दूसरी तरफ, विपक्ष टैरिफ हटाने पर बढ़ते अमेरिकी दबाव, परिसीमन और त्रिभाषा नीति जैसे मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने के लिए पूरी तरह तैयार है।
लोकसभा में त्रिभाषा नीति पर छिड़ी बहस, विपक्ष का हंगामा
बजट सत्र के दूसरे चरण के पहले ही दिन लोकसभा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) और त्रिभाषा नीति को लेकर जोरदार हंगामा हुआ। विपक्षी दलों ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत त्रिभाषा प्रणाली लागू करना क्षेत्रीय भाषाओं के साथ भेदभाव करने जैसा है।
दरअसल, शिक्षा मंत्रालय ने हाल ही में त्रिभाषा नीति के तहत हिंदी, अंग्रेजी और एक क्षेत्रीय भाषा को शिक्षा का माध्यम बनाने का सुझाव दिया था। इस पर दक्षिण भारतीय दलों जैसे डीएमके, टीएमसी और वाईएसआरसीपी ने कड़ा विरोध जताया। विपक्ष का कहना है कि इस नीति के जरिए केंद्र सरकार हिंदी को थोपने का प्रयास कर रही है और क्षेत्रीय भाषाओं के अस्तित्व पर संकट पैदा कर रही है।
इस मुद्दे पर जब हंगामा बढ़ा तो लोकसभा अध्यक्ष ने विपक्षी सांसदों से अपील की कि वे अपनी बात शांतिपूर्वक रखें। लेकिन जब माहौल और गरमाया तो लोकसभा की कार्यवाही एक घंटे के लिए स्थगित करनी पड़ी।
दूसरी तरफ, राज्यसभा में भी पहले दिन का माहौल गरमा गया। विपक्षी सांसदों ने मणिपुर हिंसा, अमेरिकी टैरिफ हटाने पर बढ़ते दबाव, और त्रिभाषा नीति जैसे मुद्दों पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव पेश किया था। लेकिन डिप्टी स्पीकर ने इन प्रस्तावों को खारिज कर दिया।
इसके बाद कांग्रेस, डीएमके, समाजवादी पार्टी, टीएमसी सहित कई विपक्षी दलों ने सदन से वॉकआउट कर दिया। विपक्ष का कहना था कि सरकार जानबूझकर उनकी मांगों को नजरअंदाज कर रही है और महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा से बच रही है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "सरकार लोकसभा और राज्यसभा दोनों जगह महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा से बच रही है। हमारी मांग है कि सरकार टैरिफ हटाने के दबाव और त्रिभाषा नीति पर विस्तृत चर्चा कराए। लेकिन जब हमारी आवाज को दबाया जा रहा है, तो हमने वॉकआउट करने का फैसला किया है।"
बजट सत्र के दूसरे चरण में केंद्र सरकार का सबसे बड़ा एजेंडा है – वक्फ संशोधन विधेयक 2025 (Waqf Amendment Bill 2025) को संसद से पारित कराना। यह विधेयक पहले ही लोकसभा से पारित हो चुका था, लेकिन राज्यसभा में विपक्ष के विरोध के चलते इसे रोक दिया गया था। अब सरकार इस बिल को संशोधनों के साथ फिर से पेश करने जा रही है।
इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य है – वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और प्रशासन को पारदर्शी बनाना। सरकार का दावा है कि वक्फ बोर्डों में व्याप्त भ्रष्टाचार, संपत्तियों के दुरुपयोग और प्रशासनिक अव्यवस्था को खत्म करने के लिए यह विधेयक जरूरी है। आज (12 मार्च) को सरकार लोकसभा में इमीग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल 2025 पेश करने जा रही है। इस विधेयक का उद्देश्य भारत की सीमाओं की सुरक्षा और अवैध प्रवासियों पर सख्त नियंत्रण करना है।
Read This Also:- Parliament Session: 'सरकार को ठोकेंगे...', खड़गे के बयान पर राज्यसभा में हंगामा, नड्डा ने कहा- अस्वीकार्य भाषा