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पीएम मोदी का महिला सशक्तिकरण पर जोर, बोले- 'नारी सम्मान ही विकसित भारत की पहली सीढ़ी'

 18 Sep 2025

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर शुक्रवार को गुजरात के नवसारी जिले के वानसी-बोरसी गांव में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम के दौरान स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) से जुड़ी 2.5 लाख से अधिक महिलाओं से संवाद किया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने 25,000 से अधिक स्वयं सहायता समूहों को 450 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता भी वितरित की। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने महिलाओं के प्रति अपनी गहरी संवेदनशीलता को व्यक्त करते हुए कहा, "मेरी जिंदगी के खाते में करोड़ों माताओं-बहनों का आशीर्वाद है। मैं दुनिया का सबसे धनवान व्यक्ति हूं क्योंकि मेरे पास देश की माताओं और बहनों का आशीर्वाद है। यह आशीर्वाद मेरी सबसे बड़ी पूंजी है, मेरी सबसे बड़ी ताकत है और मेरा सबसे मजबूत सुरक्षा कवच है।" प्रधानमंत्री ने इस मौके पर गुजरात के विकास और महिला सशक्तिकरण से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर बात की। उन्होंने महिलाओं के सम्मान और सशक्तिकरण को विकसित भारत की पहली सीढ़ी बताते हुए कहा कि उनकी सरकार ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं।

तीन तलाक और अनुच्छेद 370 पर बोले पीएम मोदी


अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने तीन तलाक और अनुच्छेद 370 के मुद्दे पर भी खुलकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने हमेशा महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा को प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा, "देश की मुस्लिम बहनों की लंबे समय से मांग थी कि उन्हें तीन तलाक जैसी कुप्रथा से मुक्ति मिले। हमारी सरकार ने मुस्लिम महिला (शादी में अधिकार संरक्षण) अधिनियम, 2019 लागू कर उनकी जिंदगी को बर्बाद होने से बचाया।" इसी क्रम में प्रधानमंत्री ने कश्मीर में अनुच्छेद 370 को खत्म करने के फैसले को महिलाओं के सम्मान से जोड़ा। उन्होंने कहा कि जब कश्मीर में अनुच्छेद 370 लागू था, तो वहां की महिलाओं के साथ भेदभाव होता था। यदि कोई महिला राज्य से बाहर शादी करती थी, तो उसे संपत्ति में अधिकार नहीं मिलता था। लेकिन जब उनकी सरकार ने अनुच्छेद 370 को समाप्त किया, तो अब कश्मीर की महिलाओं को भी देश की अन्य महिलाओं की तरह समान अधिकार प्राप्त हो गए हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर केंद्र सरकार द्वारा महिलाओं के उत्थान और सशक्तिकरण के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने देशभर की महिलाओं के लिए उज्ज्वला योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, जन धन योजना और मातृत्व अवकाश जैसी कई योजनाओं को सफलतापूर्वक लागू किया है। पीएम मोदी ने कहा, "हमने महिलाओं के लिए सम्मानजनक जीवन सुनिश्चित करने के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं। पहले महिलाओं को मातृत्व अवकाश के लिए केवल 12 सप्ताह का समय मिलता था, जिसे हमारी सरकार ने बढ़ाकर 26 सप्ताह कर दिया। उज्ज्वला योजना के तहत करोड़ों महिलाओं को गैस कनेक्शन देकर उनके स्वास्थ्य की रक्षा की गई।" उन्होंने आगे कहा, "महिलाओं के बैंक खाते खोलकर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाया गया। आज लाखों महिलाएं स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से न केवल आत्मनिर्भर बन रही हैं, बल्कि अपने परिवार और समाज के आर्थिक विकास में भी योगदान दे रही हैं।"

तीन करोड़ महिलाएं घर की मालकिन बनीं: पीएम मोदी


प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि 2014 के बाद से अब तक लगभग तीन करोड़ महिलाएं अपने घर की मालकिन बन चुकी हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सरकार ने इस बात पर जोर दिया कि घर का मालिकाना हक महिलाओं के नाम पर हो ताकि उन्हें सशक्त बनाया जा सके। उन्होंने कहा, "आज पूरी दुनिया में भारत की महिलाओं की उपलब्धियों की चर्चा हो रही है। हमारे देश में महिला पायलटों की संख्या दुनिया में सबसे अधिक है। न्यायपालिका, प्रशासन, खेलकूद, विज्ञान और तकनीक जैसे क्षेत्रों में महिलाएं तेजी से आगे बढ़ रही हैं। यह नारी शक्ति के सामर्थ्य का प्रमाण है।" प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि उनकी सरकार ने जल जीवन मिशन के माध्यम से ग्रामीण इलाकों में महिलाओं को राहत पहुंचाई है। उन्होंने कहा, "गांधी जी कहते थे कि देश की आत्मा गांवों में बसती है, लेकिन मैं कहता हूं कि ग्रामीण भारत की आत्मा वहां की महिलाओं के सशक्तिकरण में बसती है।"

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