मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर का पहला बजट पेश किया, जिसे उन्होंने आर्थिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण रोडमैप और जनता की आकांक्षाओं का सच्चा प्रतिबिंब बताया। यह बजट छह वर्षों के अंतराल के बाद प्रस्तुत किया गया, जब केंद्र सरकार का शासन समाप्त हुआ और राज्य में फिर से चुनी हुई सरकार ने कार्यभार संभाला। विधानसभा में बजट पेश करते हुए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, "मुझे जम्मू-कश्मीर का वित्त मंत्री होते हुए पहला बजट प्रस्तुत करने की खुशी है। यह न केवल आर्थिक विकास का मार्गदर्शक दस्तावेज है, बल्कि हमारे नागरिकों की उम्मीदों और सपनों का भी वास्तविक प्रतिबिंब है।"
मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने अपने बजट भाषण की शुरुआत एक फारसी कविता से की, जो राज्य के समर्पण और संकल्प को दर्शाती थी। उन्होंने स्वीकार किया कि जम्मू-कश्मीर को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इन बाधाओं को पार करने के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, "हमारी चुनौतियां बहुत बड़ी हैं, हमारी सीमाएं भी हैं, लेकिन हमें एकजुट होकर इनका सामना करना होगा और राज्य को प्रगति के पथ पर आगे बढ़ाना होगा।" यह बजट पिछले वर्ष अक्टूबर में नेशनल कॉन्फ्रेंस सरकार के सत्ता में आने के बाद पहला है। इससे पहले, 2018 में पीडीपी-बीजेपी सरकार के कार्यकाल के दौरान आखिरी बजट सत्र आयोजित किया गया था। 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद, राज्य में पहली बार एक निर्वाचित सरकार ने अपना बजट पेश किया है।
बजट पेश करने से पहले उमर अब्दुल्ला का भावुक संदेश
बजट प्रस्तुत करने से पहले, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया पर अपनी भावनाएं साझा करते हुए एक पुरानी याद को ताजा किया। उन्होंने लिखा, "सात साल पहले, मैं मजाक में वित्त मंत्री की तरह विधानसभा और संसद में बजट पेश करने के लिए ब्रीफकेस उठाने का अभिनय कर रहा था। मुझे कभी नहीं लगा था कि मैं वास्तव में यह दिन देखूंगा।" उन्होंने दिवंगत बीजेपी नेता देवेंद्र सिंह राणा के साथ अपनी एक पुरानी तस्वीर भी साझा की, जिसमें वे ब्रीफकेस लिए हुए नजर आ रहे थे।
जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए समर्पित बजट
मुख्यमंत्री ने अपने बजट भाषण में स्पष्ट किया कि यह बजट केवल आंकड़ों का संकलन नहीं है, बल्कि यह राज्य की जनता की आकांक्षाओं और भविष्य की जरूरतों को पूरा करने का एक ठोस प्रयास है। उन्होंने कहा, "यह बजट हमारे युवाओं के सपनों, हमारे किसानों की आशाओं और हमारी आर्थिक संभावनाओं को साकार करने के लिए तैयार किया गया है।"
बजट में कृषि क्षेत्र को मजबूती देने के लिए 815 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा, युवाओं के लिए 2.88 लाख नौकरियों के अवसर सृजित करने की योजना बनाई गई है। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 390.20 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई है, जिससे जम्मू-कश्मीर को एक प्रमुख पर्यटन और इको-टूरिज्म केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा।
स्वास्थ्य क्षेत्र को प्राथमिकता देते हुए, सरकार ने पांच लाख रुपये के स्वास्थ्य बीमा योजना की घोषणा की है, जिससे राज्य के नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेंगी। इसके साथ ही, राज्य में दो नए एम्स और दस नर्सिंग कॉलेज स्थापित किए जाएंगे, जिससे चिकित्सा सेवाओं में व्यापक सुधार होगा। फिल्म नीति को लागू करने की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को खेल और इको-टूरिज्म का केंद्र बनाने के लिए नए कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे। इसके अलावा, राज्य में उद्योगों के विकास पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जिसके तहत 64 नए औद्योगिक एस्टेट्स स्थापित किए जाएंगे और स्थानीय उत्पादों को जीआई (GI) टैग दिलाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा।
सरकार ने संचार और टेलीमेडिसिन सेवाओं के विस्तार पर भी जोर दिया है, जिससे दूरदराज के क्षेत्रों तक बेहतर स्वास्थ्य और संचार सुविधाएं पहुंचाई जा सकें। बजट में राज्य की वित्तीय स्थिति पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कुल बजट का 70 प्रतिशत हिस्सा वेतन भुगतान पर खर्च होता है, लेकिन सरकार वित्तीय अनुशासन सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। बजट पेश करते हुए उमर अब्दुल्ला ने यह भी स्पष्ट किया कि जम्मू-कश्मीर के पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करना जनता की एक महत्वपूर्ण आकांक्षा है, जिसे उनकी सरकार हर हाल में पूरा करने के लिए संकल्पबद्ध है। उन्होंने कहा, "हमारी सरकार इस मुद्दे पर गंभीरता से काम कर रही है और हम जल्द ही इस पर सकारात्मक परिणाम लाने के लिए प्रयास करेंगे।"
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