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भारत में बढ़ रही अमीरों की तादाद, अरबपतियों की संपत्ति 100 लाख करोड़ के करीब

 28 May 2025

भारत में अमीरों (Richest Indians) की संख्या लगातार बढ़ रही है, और अब देश में अरबपतियों (Billionaires in India) की तादाद 191 तक पहुंच गई है। यही नहीं, इन सबसे रईस लोगों की कुल संपत्ति भी लगभग 100 लाख करोड़ रुपये के करीब पहुंच चुकी है। रिपोर्ट्स के अनुसार, वर्ष 2024 में ही 26 नए अरबपति इस सूची में शामिल हुए हैं। 


ग्लोबल कंसल्टेंसी फर्म नाइट फ्रैंक (Knight Frank) ने हाल ही में अपनी "ग्लोबल वेल्थ रिपोर्ट 2025" जारी की, जिसमें भारतीय अरबपतियों की बढ़ती संख्या को लेकर दिलचस्प आंकड़े सामने आए। रिपोर्ट के मुताबिक, 2018 में भारत में अरबपतियों की संख्या केवल 7 थी, लेकिन हर साल यह आंकड़ा बढ़ता रहा और अब भारत 191 अरबपतियों का घर बन चुका है। इतना ही नहीं, संयुक्त संपत्ति (Combined Wealth) के मामले में भी भारतीय अरबपति वैश्विक स्तर पर तीसरे स्थान पर पहुंच चुके हैं। पहले स्थान पर अमेरिका और दूसरे स्थान पर चीन मौजूद है।

रईस और भी रईस होते जा रहे

भारत में न केवल अरबपतियों की संख्या बढ़ी है, बल्कि 1 करोड़ डॉलर (लगभग 83 करोड़ रुपये) से अधिक संपत्ति रखने वाले लोगों की तादाद में भी लगातार इजाफा हो रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, ऐसे हाई-नेट-वर्थ इंडिविजुअल्स (HNWIs) की संख्या भारत में 85,698 तक पहुंच चुकी है, और अगले तीन वर्षों में यह 94,000 के पार जाने का अनुमान है। नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल के अनुसार, "भारत में अमीरों की बढ़ती संख्या देश की मजबूत दीर्घकालिक आर्थिक वृद्धि (Long-term Economic Growth), बढ़ते निवेश के अवसरों और विस्तार होते बाजार को दर्शाती है। यह भारत को वैश्विक स्तर पर वेल्थ क्रिएशन का एक प्रमुख केंद्र बना रहा है।"

नाइट फ्रैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, अमीरों की संख्या के मामले में अमेरिका पहले स्थान पर है, जहां दुनिया के 40% सुपर रिच (HNWIs) रहते हैं। यहां 9 लाख से अधिक लोग ऐसे हैं जिनकी नेटवर्थ 1 करोड़ डॉलर से अधिक है। दूसरे स्थान पर चीन आता है, जहां 4.7 लाख सुपर रिच रहते हैं। भारत में 85,698 हाई-नेट-वर्थ इंडिविजुअल्स हैं, जो तीसरे स्थान पर है। जापान में लगभग 65,000 लोग इस सूची में शामिल हैं।

भारत की आर्थिक तरक्की और निवेश के बढ़ते अवसरों को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले वर्षों में यह आंकड़ा और तेजी से बढ़ेगा। देश की उभरती अर्थव्यवस्था भारत को वैश्विक स्तर पर धन-संपत्ति (Wealth Creation) के मामले में एक शक्तिशाली खिलाड़ी बना रही है।