दिल्ली की नई मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने पद की शपथ लेने के एक दिन बाद ही प्रशासनिक स्तर पर बड़े बदलाव करने शुरू कर दिए हैं। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी और उनके मंत्रियों के पर्सनल स्टाफ को हटा दिया है। इसके साथ ही, आतिशी सरकार द्वारा जिन अधिकारियों और कर्मचारियों की नई जगहों पर तैनाती की गई थी, उन्हें तुरंत अपने मूल विभागों में रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया है।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता अपने कार्यकाल की प्राथमिकताओं को तय करने और शहर के बुनियादी ढांचे से जुड़ी समस्याओं का समाधान निकालने के लिए शुक्रवार को अहम बैठक करेंगी। इस बैठक में मंत्रियों और शीर्ष अधिकारियों के साथ दिल्ली जल बोर्ड (DJB) और लोक निर्माण विभाग (PWD) के अधिकारियों को विशेष रूप से बुलाया गया है। बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता करेंगी, जबकि PWD मंत्री प्रवेश वर्मा भी इसमें शामिल होंगे।
सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में दिल्ली की सड़कों की बदहाल स्थिति और पानी की आपूर्ति से जुड़ी समस्याओं पर विस्तार से चर्चा होगी। सरकार की प्राथमिकता राजधानी की बुनियादी ढांचे की खामियों को दूर करना और जनता को सुचारू सुविधाएं मुहैया कराना है। इसके अलावा, नई सरकार का विधानसभा सत्र 24 फरवरी से शुरू होगा, जो तीन दिनों तक चलेगा और 27 फरवरी को समाप्त होगा। सत्र के पहले दिन नए विधायकों को शपथ दिलाई जाएगी, जबकि तीसरे दिन नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की 14 रिपोर्ट सदन में पेश की जाएंगी। इस सत्र के दौरान सरकार अपनी आगामी नीतियों और प्राथमिकताओं को भी स्पष्ट कर सकती है।
दिल्ली की नई मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शुक्रवार को कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) द्वारा नई सरकार की आलोचना पर कड़ा जवाब दिया। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि उनकी सरकार तेज़ी से काम करने के लिए प्रतिबद्ध है और जनता के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है।
मुख्यमंत्री गुप्ता ने कहा, "शपथ ग्रहण के तुरंत बाद हमारी सरकार ने पहली कैबिनेट बैठक की और आयुष्मान भारत योजना को मंजूरी दी, जिसे AAP सरकार ने वर्षों तक रोके रखा था। अब हम दिल्ली की भलाई के लिए काम करेंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राजधानी को उसका पूरा हक दिलाएंगे।"
विपक्ष पर तंज कसते हुए रेखा गुप्ता ने कहा, "उन्हें (कांग्रेस और AAP) पहले अपनी ही पार्टी संभालनी चाहिए, क्योंकि उनके कई नेता पार्टी छोड़ने की तैयारी में हैं।" उन्होंने आगे कहा कि विपक्ष की चिंता इस बात को लेकर अधिक है कि जब नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट सदन में पेश की जाएगी, तो कई लोगों के भ्रष्टाचार से जुड़े रिकॉर्ड उजागर हो जाएंगे।
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