संभल हिंसा को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव का बयान सामने आया है। शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि अगर उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार बनी, तो अत्याचार की पटकथा लिखी जाएगी और संभल उसमें सबसे ऊपर होगा। उनके इस बयान ने राजनीतिक हलकों में नई बहस छेड़ दी है। यह बयान ऐसे समय में आया है, जब यूपी पुलिस ने संभल हिंसा को लेकर चार्जशीट दाखिल कर दी है। पुलिस की विशेष जांच टीम (SIT) ने 24 नवंबर को हुई हिंसा से जुड़े छह मामलों में 4,400 से अधिक पन्नों की चार्जशीट गुरुवार को अदालत में पेश की। जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि संभल के मूल निवासी शारिक साठा, जो वर्तमान में यूएई में रह रहा है, ने इस हिंसा की साजिश रची थी।
शारिक साठा: अपराध की दुनिया से आतंक तक
जांच के अनुसार, शारिक साठा पहले दिल्ली-एनसीआर में 300 से अधिक वाहन चुराने वाले गिरोह का सरगना था। वह अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से भी जुड़ा हुआ है। पुलिस के अनुसार, साठा ने फर्जी पासपोर्ट का इस्तेमाल कर देश छोड़ दिया और वर्तमान में यूएई में छिपा हुआ है।
संभल के एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि जांच के दौरान साठा की संलिप्तता स्पष्ट रूप से सामने आई है। पुलिस के पास ऐसे पुख्ता सबूत हैं, जो यह साबित करते हैं कि साठा ने इस हिंसा की साजिश रची थी।
संभल हिंसा मामले में सीओ कुलदीप कुमार और अतिरिक्त जिला सरकारी वकील हरिओम प्रकाश ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अर्चना सिंह की अदालत में चार्जशीट पेश की। इसमें 79 आरोपियों के नाम शामिल हैं, जो विभिन्न धाराओं के तहत जेल में बंद हैं।
जब समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर रहमान बर्क और स्थानीय विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल का नाम चार्जशीट में होने के बारे में पूछा गया, तो एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि साठा के संभल और आसपास के जिलों में मजबूत राजनीतिक संबंध हैं। पुलिस एफआईआर में नामित सभी संदिग्धों की भूमिका की गहराई से जांच कर रही है, और जांच पूरी होने के बाद उनके खिलाफ भी चार्जशीट दाखिल की जाएगी।
हिंसा के पीछे विदेशी साजिश? SIT की जांच में बड़ा खुलासा
संभल हिंसा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा अदालत के आदेश पर कराए गए एक निरीक्षण के दौरान भड़की थी। पुलिस ने इस मामले में सात प्राथमिकियां (FIR) दर्ज की थीं, जबकि मृतकों के परिवारों ने अज्ञात लोगों के खिलाफ चार अन्य FIR दर्ज कराई थीं।
एक अन्य एफआईआर एक घायल व्यक्ति द्वारा तुर्की मूल के अज्ञात संदिग्धों के खिलाफ दर्ज कराई गई। SIT फिलहाल सभी 12 एफआईआर की जांच कर रही है।
जांच के दौरान पाकिस्तान और अमेरिका में निर्मित गोलियां भी बरामद हुई हैं, जिससे हिंसा में विदेशी तत्वों की संलिप्तता की आशंका बढ़ गई है। अधिकारियों के अनुसार, इस मामले में 37 नामजद आरोपियों सहित 3,750 अज्ञात व्यक्तियों को आरोपी बनाया गया है।
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