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लाडकी बहिन योजना से लाभ पाने वाले लाभार्थियों को झटका, नौ लाख महिलाओं को किया गया बाहर

 27 Oct 2025

महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री लाडकी बहिन योजना के लाभार्थियों को एक बड़ा झटका लगने जा रहा है, क्योंकि इस योजना में शामिल महिलाओं की संख्या में नौ लाख की कमी होने वाली है। अब तक इस योजना के तहत पांच लाख महिलाओं के नाम काटे जा चुके हैं, और अब खबर आ रही है कि चार लाख और नामों को बाहर किया जाएगा। इस फैसले के परिणामस्वरूप राज्य सरकार को करीब 945 करोड़ रुपये की बचत होने का अनुमान है। जिन पांच लाख महिलाओं को पहले योजना का लाभ मिल रहा था, उन्हें अब नमो शेतकरी योजना और लाडकी बहिन योजना से जुड़ी धनराशि मिल रही थी, जिसमें उन्हें लाडकी बहिन योजना से हर महीने 500 रुपये मिलते थे और नमो शेतकरी योजना से 1000 रुपये मिलते थे। 


 इस योजना के तहत दी जाने वाली सहायता में कुछ खास बदलाव किए गए हैं। कुछ महिला समूहों को इस योजना से बाहर कर दिया गया है। उदाहरण के तौर पर, दिव्यांगजन विभाग से लाभ लेने वाली महिलाएं और 2.5 लाख महिलाएं जो वाहन चलाती हैं, उन्हें इस योजना से बाहर रखा गया है। इसके अलावा, कई महिलाएं जो योजना के मापदंडों पर पूरी तरह से खरे नहीं उतरतीं, उन्होंने खुद ही योजना से मिलने वाले पैसे को वापस करना शुरू कर दिया है। योजना में सुधार के तहत, सभी लाभार्थियों को हर साल जून महीने में बैंक जाकर ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी करनी होगी और साथ ही जीवन प्रमाण पत्र भी बैंक में जमा करना होगा। ई-केवाईसी का काम 1 जून से 1 जुलाई के बीच किया जाएगा। अगर किसी महिला की आय 2.5 लाख रुपये से अधिक है और वह विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ उठाती है, तो उसे इस योजना से बाहर कर दिया जाएगा। 

इसके लिए राज्य सरकार आयकर विभाग से मदद लेगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लाभार्थी महिलाओं की आय सीमा के भीतर है या नहीं। इस योजना में कुछ गंभीर विसंगतियां भी सामने आईं हैं। लगभग 16.5 लाख महिलाओं के बैंक खातों में सीधे पैसे ट्रांसफर किए गए थे, लेकिन जिन नामों पर यह राशि भेजी गई थी, वे नाम उनके आवेदन में दिए गए नामों से मेल नहीं खा रहे थे। इसके चलते अब इन नामों की जिला स्तर पर पुनः जांच की जाएगी। जिन महिलाओं के नाम अपात्र पाए जाएंगे, उन्हें योजना से बाहर कर दिया जाएगा। 

इसके अलावा, जिन महिलाओं का आधार कार्ड इस योजना से लिंक नहीं है, उन्हें भी इससे बाहर किया जाएगा। इस प्रक्रिया से यह स्पष्ट हो गया है कि राज्य सरकार इस योजना के लिए न केवल पंजीकरण और मापदंडों के तहत शुद्धता सुनिश्चित करना चाहती है, बल्कि भविष्य में ऐसे किसी भी गड़बड़ी या भ्रष्टाचार को रोकने के लिए कड़ी निगरानी भी रखना चाहती है।

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