उत्तर प्रदेश विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर 'फ्लोर लैंग्वेज' विवाद पर सपा को निशाने पर लिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि हिंदी सदन की भाषा है, न इसे हटाया जा रहा है और न ही किसी अन्य भाषा को थोपा जा रहा है। उन्होंने सपा पर तंज कसते हुए कहा, "आप लोग बस उर्दू-उर्दू कर रहे हैं। हमने 'फ्लोर लैंग्वेज' में स्थानीय भाषाओं को जोड़ा है, ताकि ग्रामीण इलाकों से आने वालों को बोलने और समझने में आसानी हो।"
विपक्ष के आरोपों पर पलटवार'
विपक्ष के नेता माता प्रसाद पांडेय ने सीएम योगी पर आरोप लगाते हुए कहा, "मुख्यमंत्री उर्दू से चिढ़ जाते हैं, उनका अपना एजेंडा है। हम तो विधानसभा में अंग्रेजी के प्रवेश का विरोध कर रहे थे, लेकिन उन्होंने मुद्दे को उर्दू पर घुमा दिया।" सीएम योगी ने महाकुंभ के आयोजन को समाज का आयोजन बताया और कहा, "सरकार केवल सेवक के रूप में अपने दायित्व निभा रही है।" उन्होंने अफवाहों को खारिज करते हुए कहा कि संगम का जल स्नान और आचमन के लिए पूरी तरह उपयुक्त है। "संगम के जल को लेकर दुष्प्रचार किया गया, जिसमें सपा और विपक्ष के लोग शामिल हैं।"
शायरी में विपक्ष पर किया वार
सीएम योगी ने विपक्ष पर शायरी के जरिए तंज कसते हुए कहा,
"बड़ा हसीन है इनकी जुबान का जादू,
लगा के आग बहारों की बात करते हैं...
जिन्होंने रात को चुन-चुन के बस्तियों को लूटा,
वही अब बहारों की बात करते हैं।"
'महाकुंभ पर खर्च करना अपराध है तो हम अपराध करते रहेंगे'
सीएम योगी ने कहा, "सपा नेता अकबर के किले को जानते हैं, लेकिन अक्षयवट और सरस्वती कूप के महत्व से अनजान हैं। क्या महाकुंभ को भव्य बनाना कोई अपराध है? अगर हां, तो हमारी सरकार यह 'अपराध' करती रहेगी।" सीएम योगी ने खुलासा किया कि उनकी इच्छा थी कि महाकुंभ के दौरान बजट सत्र प्रयागराज में हो, लेकिन सपा के विरोध के कारण ऐसा संभव नहीं हो सका। उन्होंने कहा, "सपा कभी भी किसी अच्छे काम का समर्थन नहीं कर सकती।"
मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर सीधा हमला बोला, "वे पहले दिन से महाकुंभ के खिलाफ हैं। समाजवादी पार्टी के सोशल मीडिया हैंडल पर अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया गया। लालू यादव ने कुंभ को 'फालतू' बताया। सपा और विपक्ष के नेताओं ने गैर-जिम्मेदाराना बयान दिए।"
उन्होंने दो टूक कहा, "अगर सनातन धर्म से जुड़े कार्यक्रम आयोजित करना अपराध है, तो हमारी सरकार इस अपराध को करती रहेगी।"
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