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"सांसदी पर खतरा मंडरा रहा है" – अमृतपाल ने अदालत में दी दस्तक, सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

 27 Oct 2025

पंजाब की खडूर साहिब लोकसभा सीट से सांसद अमृतपाल सिंह अपनी संसद सदस्यता गंवाने की आशंका से चिंतित हैं। इसी को लेकर उन्होंने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है। इस याचिका में उन्होंने संसद की कार्यवाही में शामिल होने की अनुमति मांगी है, ताकि 60 दिन से अधिक की गैर-हाजिरी के कारण उनकी सदस्यता समाप्त न हो जाए।


संसद में उपस्थिति के लिए अदालत पहुंचे अमृतपाल


जेल में बंद अमृतपाल सिंह ने अपनी याचिका में केंद्र और पंजाब सरकार समेत अन्य संबंधित पक्षों को जवाबदेह ठहराते हुए संसद में भाग लेने की अनुमति की मांग की है। उन्होंने तर्क दिया कि उनकी अनुपस्थिति से उनकी लोकसभा सदस्यता पर खतरा मंडरा रहा है। अमृतपाल ने लोकसभा सचिवालय द्वारा भेजे गए समन का भी हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि उनकी गैर-मौजूदगी उनके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन कर रही है। बता दें कि ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं।

"जानबूझकर रोका जा रहा है संसद जाने से" – अमृतपाल का आरोप


याचिका में अमृतपाल ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार जानबूझकर उन्हें संसद में जाने से रोक रही है, ताकि उनकी सीट खाली घोषित की जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि खडूर साहिब के 19 लाख मतदाताओं के अधिकारों का हनन हो रहा है, क्योंकि उनके निर्वाचित प्रतिनिधि को संसदीय कार्यों से दूर रखा जा रहा है। इसके अलावा, अमृतपाल ने अदालत से सांसद निधि (MP Fund) से संबंधित कार्यों के लिए अधिकारियों और मंत्रियों से मुलाकात करने की अनुमति भी मांगी है। यह योजना सांसदों को अपने निर्वाचन क्षेत्र में विकास परियोजनाओं की सिफारिश करने का अधिकार देती है।

याचिका के मुताबिक, अमृतपाल सिंह ने 30 नवंबर 2023 को लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर संसद सत्र में शामिल होने की औपचारिक अनुमति मांगी थी। इसके अलावा, उन्होंने जिला मजिस्ट्रेट (डीसी) को भी आवेदन भेजा था, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। खडूर साहिब के सांसद ने अदालत में दलील दी कि उनकी गैरहाजिरी उनकी अपनी मर्जी से नहीं, बल्कि सरकार की रणनीति का नतीजा है। उन्होंने इसे संसद की अवमानना करार देते हुए कहा कि निर्वाचित प्रतिनिधि को अपने विधायी कार्यों से वंचित रखना लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है।

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